महंगाई से राहत का इंतजार कर रहे आम लोगों को निराशा हाथ लग सकती है. एक तरफ खाने-पीने की चीजों की महंगाई में कमी आ रही है, दूसरी ओर एफमसीजी कंपनियां महंगाई की नई गाज गिराने की तैयारी में हैं. खबरों के अनुसार, एफएमसीजी कंपनियां आने वाले दिनों में अपने विभिन्न उत्पादों के दाम को बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं.


2 से 4 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और ईमामी समेत कई एफसीजी कंपनियां अपने विभिन्न उत्पादों के दाम बढ़ाने वाली हैं. ये कंपनियां इस साल अपने उत्पादों के दाम 2 से 4 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. कंपनियों को उम्मीद है कि दाम बढ़ाने से इस साल के दौरान उनकी ग्रोथ को सपोर्ट मिलने वाला है.


पिछले साल प्रभावित हुई थी ग्रोथ


एफएमसीजी कंपनियों ने पिछले साल दाम घटाए थे. रिपोर्ट के अनुसार, इनपुट मटीरियल्स की कीमतों में तेज डिफ्लेशन के चलते एफएमसीजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दामों में पिछले साल कटौती की थी, जिससे एफएमसीजी इंडस्ट्री की वैल्यू ग्रोथ रेट प्रभावित हुई थी. इस साल दाम बढ़ाने से ग्रोथ की रफ्तार भी बढ़ने की उम्मीद है.


इन सामानों के बढ़ सकते हैं भाव


एफएमसीजी प्रोडक्ट यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स उन उत्पादों को कहते हैं, जिनका लोग रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं. साबून, शैम्पू, टूथपेस्ट, टूथब्रश से लेकर प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक आदि एफएमसीजी प्रोडक्ट में गिने जाते हैं. इनके दाम बढ़ने से हर किसी के जीवन पर असर पड़ता है और हर घर का बजट बिगड़ता है, क्योंकि आज के समय में लगभग हर कोई इन सामानों का इस्तेमाल कर रहा है.


अभी नहीं टला है महंगाई का खतरा


भारत में महंगाई की बात करें तो पिछले महीने इसमें कुछ नरमी देखी गई. जनवरी महीने में खुदरा महंगाई की दर कम होकर 5.1 फीसदी पर आ गई, जो कि तीन महीने में सबसे कम है. हालांकि यह अभी भी रिजर्व बैंक को 4 फीसदी के दिए गए लक्ष्य से ऊपर है. यही कारण है कि फरवरी महीने के दौरान हुई एमपीसी बैठक में भी रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को नहीं बदलने का फैसला लिया. रिजर्व बैंक को अभी भी महंगाई से चुनौती की आशंका है.


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