Ravi River Water: आतंक परस्त पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. आर्थिक तंगी से जूझ रहा पड़ोसी मुल्क अब पानी को भी तरेगा. शाहपुर कंडी बांध बनकर तैयार होने के बाद पाकिस्तान जाने वाला रावी नदी के पानी के प्रवाह को पूरी तरह से रोक दिया गया है. ये दावा मीडिया रिपोर्ट में किया गया है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहपुर कंडी बैराज जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर स्थित है. इस बैराज के बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को 1150 क्यूसेक पानी का फायदा मिलेगा जो पाकिस्तान जाता था. कठुआ और सांबा जिले की 32 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई में इस पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.


कई चुनौतियों के बाद बनकर तैयार हुई शाहपुर कंडी बैराज परियोजना


सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण शाहपुर कंडी बैराज परियोजना को पिछले तीन दशकों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, 29 साल बाद अब इसका काम पूरा हो गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि समझौता हुआ था जिसके तहत भारत के पास रावी, सतलुज और ब्यास नदियों के पानी का अधिकार है जबकि सिंधु, झेलम और चेनाब नदी के पानी पर पाकिस्तान का.


शाहपुर कंडी बैराज बनने के बाद भारत के पास रावी नदी का पानी अपने पास रखने का अधिकार हो गया है. पहले ये पानी लखनपुर बांध से होते हुए पाकिस्तान की ओर बहता था लेकिन अब इस पानी का फायदा पंजाब और जम्मू-कश्मीर को मिलेगा.


1995 में रखी गई थी शाहपुर कंडी बैराज की नींव


इस परियोजना की नींव 1995 में पीवी नरसिम्हा राव ने रखी थी. इसके बाद पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकार के बीच कई विवाद होने की वजह से शाहपुर कंडी बैराज का काम रुक गया था. फिर 2014 में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को प्रधानममंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा. पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद इन विवादों को सुलझाया गया और 2018 में इस बैराज का काम फिर से शुरू हुआ.


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