आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के कारण लोगों की नौकरियों पर खतरा है. एंथ्रोपिक के चीफ साइंटिस्ट जेरेड कपलान की मानें तो एआई बहुत जल्द लोगों की नौकरियां खा जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन सालों में एआई अधिकतर व्हाइट कॉलर जॉब यानी ऑफिस वाले काम करने लगेगी. कपलान ने कहा कि एआई तेजी से आगे बढ़ रही है और यह जल्द ही इंसानों को पछाड़ देगी और आगे चलकर खुद ही अपने सक्सेसर को डिजाइन करेगी. ऐसा होने पर मानवता के सामने सबसे बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. 

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मशीनों से कंपीटिशन करेंगे इंसान- कपलान

कपलान ने कहा कि एआई में इस तेजी से सुधार हो रहा है कि नई पीढ़ी को बहुत जल्दी मशीनों से कंपीटिशन करना पड़ेगा. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मेरा छह साल का बच्चा है और वह कभी भी एकेडमिक कामों में एआई से बेहतर नहीं हो सकता.

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2027 से 2030 का समय टर्निंग प्वाइंट- कपलान

कपलान का मानना है कि 2027 से 2030 तक का समय टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है. उस समय तक एआई सिस्टम खुद ही अपने सक्सेसर यानी अगले वेरिएंट को डिजाइन और ट्रेन करने लगेंगे. यह एक बड़े मौके के साथ-साथ बड़ा खतरा भी साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रोसेस में एक एआई सिस्टम आपके बराबर इंटेलीजेंट है. वह अपने से इंटेलीजेंट और स्मार्ट एआई बना रहा है और वह अपने से भी स्मार्ट एआई बना रहा है. यह बहुत डरावनी प्रोसेस है और किसी को पता नहीं है कि कहां जाकर रुकेगी.

कपलान को दिख रहे ये खतरे

उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर दो बड़े खतरे हैं. पहला खतरा एआई सिस्टम के कंट्रोल से बाहर होने का है. क्या होगा अगर वो इंसानों की कमांड मानने से मना कर दें और क्या वो मानवता के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करेंगे. दूसरे खतरे की बात करते हुए कपलान ने कहा कि क्या होगा अगर ये सिस्टम गलत हाथों में पड़ गए. अगर ऐसा होता है कि इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं.

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