UP Assembly Election 2022: वाराणसी की पिंडरा विधानसभा इन दिनों हर दल की पहली पसंद बनी हुई है. बीजेपी इस विधानसभा से जीती हुई है. लेकिन अगली जीत के लिए विकास के दावे से दमखम लगा रही है. वहीं, कांग्रेस नेता अजय राय यहां से जीत के दावे कर रहे हैं तो समाजवादी पार्टी मजबूत प्रत्याशी उतारकर अपनी बढ़त बनाने की जुगत में है. 


पिंडरा विधानसभा 1952 में इस विधानसभा को पश्चिमी विधानसभा कहा जाता था. पांच साल बाद कोलसला के नाम से जाना जाने लगा. साल 2007 से नए परिसीमन के बाद 2012 में इसका नाम पिंडरा हुआ. इस विधानसभा को वामपंथ का गढ़ कहा जाता था. कॉमरेड नेता ऊदल इस विधानसभा से 9 बार विधायक रहे. उसके बाद 1996 में वर्तमान कांग्रेस नेता अजय राय ने सीपीआईएम का सफाया कर यहां से जीत हासिल की. उस वक्त अजय राय बीजेपी में हुआ करते थे. कुर्मी बाहुल्य इलाके में अजय राय ने 1996 से 2017 तक इस विधान सभा पर कब्जा रखा. लेकिन 2017 में ये सीट बीजेपी के खाते में चली गयी और डॉक्टर अवधेश सिंह ने बीजेपी से इस विधानसभा से जीत हासिल की. हर बार तीन नम्बर पर रहने वाली समाजवादी पार्टी भी इस बार अपना दम दिखाने के लिए योग्य उम्मीदवार तलाश रही है.


बीजेपी के लिए साख का सवाल


बता दें कि पिंडरा विधानसभा बीजेपी के लिए साख का सवाल बन चुकी है. कांग्रेस अपनी खोई हुई सीट को वापस पाने के लिए पूरी ताकत लगा चुकी है और बीजेपी भी इस सीट से जीत के लिए पूरा प्रयास कर रही है. चूंकि अजय राय काशी से लोकसभा के प्रत्याशी भी रह चुके हैं. लिहाजा यहां की हार के बाद बीजेपी इनका मनोबल गिराने का पूरा प्रयास कर रही है. शायद यही वजह है कि पीएम इसी विधनासभा के करखियांव में आकर सभा कर चुके है.


पिंडरा विधान सभा में किसके कितने वोट


40 हजार ब्राह्मण, पचास हजार दलित, 18 हजार भूमिहार, 10 हजार चौहान, 12 हजार मौर्या, 18 हजार राजभर, 15 हजार यादव और 8 हजार वैश्य.


ये भी पढ़ें-


PM Modi Security Breach: PM मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर आई CM योगी की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?


UP Election 2022: राजा भैया की पार्टी ने जारी की 11 उम्मीदवारों की लिस्ट, जानें- किसे मिला टिकट