Nana Patekar News: वाराणसी में फिल्म जर्नी की शूटिंग करने पहुंचे अभिनेता नाना पाटेकर को अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा. अस्सी घाट पर चल रही शूटिंग के दौरान सरकारी कागजात में मुर्दा घोषित हो चुके फरियादी ने अभिनेता नाना पाटेकर से मदद की गुहार लगाई. चौबेपुर के छीतौनी निवासी संतोष मूरत सरकारी कागजात में मृत घोषित हो चुके. उन्होंने बताया कि 20 वर्षों से जीवित होने की गुहार लगा रहे हैं. प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई नहीं होने पर फरियादी आखिरकार अभिनेता नाना पाटेकर के पास पहुंच गया. संतोष मूरत नाना पाटेकर को आदर्श मानते हैं. उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर ने शूटिंग के बाद मिलने का वादा किया है.


नाना पाटेकर से फरियादी ने लगाई गुहार


अभिनेता नाना पाटेकर फिल्म यूनिट के साथ अस्सी घाट पर अपकमिंग फिल्म जर्नी की शूटिंग कर रहे थे. गंगा घाट किनारे संतोष मूरत ने नाना पाटेकर का अभिनंदन किया. नाना पाटेकर ने अपने प्रशंसक का हालचाल जाना. जवाब में संतोष मूरत ने कहा कि जिन्दा हूं साहब. उन्होंने नाना पाटेकर को सरकारी दस्तावेजों में मुर्दा से जीवित घोषित कराने के लिए संघर्षों की जानकारी दी. जवाब में अभिनेता ने शूटिंग खत्म होने के बाद मिलने का आश्वासन दिया. उन्होंने शूटिंग के सिलसिले में बनारस एक हफ्ते तक ठहरने की बात कही. 


'जिंदा' साबित करने का 20 वर्षों से संघर्ष


संतोष मूरत का आरोप है कि 2000 में मुंबई जाने के बाद करीबियों ने मृत घोषित कर जमीन और संपत्ति पर कब्जा कर लिया. 2003 में बनारस लौटने पर जमीन और संपत्ति हड़पे जाने की जानकारी हुई. उन्होंने बताया कि जीवित को मुर्दा घोषित कर अधिकारियों की साठगांठ से संपत्ति पर कब्जा जमा लिया गया. खुद को जीवित साबित करने की जंग 20 वर्षों से जारी है. सरकारी दफ्तर, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों से जमीन और संपत्ति वापस दिलाने की गुहार लगाने के साथ सरकारी कागजात में खुद को जीवित घोषित करने का भी आग्रह किया. लेकिन अभी तक हमें न्याय नहीं मिल सका है. उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर से मुलाकात के बाद लड़ाई को और बल मिला है. 


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