देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होगा. सरकार ने इस सत्र के लिये पूरी तैयारी कर ली है. वहीं विपक्ष ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. महंगाई, बेरोजगारी, किसान और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर विपक्ष का रुख हमलावर रहेगा. इसके अलावा विपक्ष तीन दिनों के सत्र की अवधि को लेकर भी बहिष्कार करेगा.


र्चुअल माध्यम से जुड़ सकते हैं मुख्यमंत्री


कोरोना संक्रमित होने के कारण सदन के नेता मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद नहीं रहेंगे. वह वर्चुअल माध्यम से सत्र के दौरान जुड़ सकते हैं. दूसरी तरफ सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस ने विरोध करते हुए अवधि बढ़ाने की मांग की है. साथ ही किसान आंदोलन, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी है. हालांकि, सरकार ने भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए रणनीति तय कर ली है. ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं.


विधायकों के लिये कोरोना जांच अनिवार्य


कोरोना संकट के साये में हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है. प्रत्येक विधायक के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है और रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही उन्हें सत्र में प्रवेश की इजाजत होगी. साथ ही सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से विधायकों के बैठने के मद्देनजर सभामंडप का विस्तार दर्शक, पत्रकार व राज्यपाल दीर्घाओं के साथ ही कक्ष संख्या-107 तक किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने जानकारी देते हुये कहा कि अगर कोई विधायक किसी वजह से जांच नहीं करा पाता है तो उसका विधानसभा परिसर में रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा.


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