Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बगावती रुख अपना रहे मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा पार्टी ने भी उन्हें छह साल के लिए बीजेपी से निष्काषित कर दिया है. सूत्रों की मानें तो अब हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है.


आपको याद होगा हरक सिंह रावत ने 24 दिसंबर को भी नाराजगी जाहिर करते हुए कैबिनेट की मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए थे. लेकिन तब पार्टी ने फौरन मान-मनौव्वल की कोशिश शुरू की. अगले ही दिन 25 दिसंबर को हरक सिंह रावत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे और 24 घंटे में ही उनका हृदय परिवर्तन होता दिखा. बाहर निकलकर सीएम धामी के लिए मुलायम दिल दिखाया और सारी कड़वाहट दूर होने का दावा किया था.


एबीपी न्यूज ने तब आपको बताया था कि हरक सिंह की नाराजगी की वजहों में अपनों के लिए टिकट की मांग सबसे ऊपर है. 25 दिसंबर को हरक सिंह रावत अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे.. इस बार वो एक नहीं तीन टिकट के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे थे. खुद के अलावा वो अपनी बहू और अपनी एक समर्थक के लिए भी टिकट मांग रहे थे. लेकिन पार्टी ने इस बार हरक सिंह सामने झुकने से इनकार कर दिया और कड़ी कार्रवाई कर दी.


बीजेपी में भगदड़
यूपी के बाद अब उत्तराखंड बीजेपी में भागमभाग का दौर बढ़ रहा है. उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है. इसकी सिफारिश खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल से की है. अब राजनीतिक सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि हरक सिंह रावत सोमवार को दो बीजेपी विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि मंत्री ने कहा है कि उन्हें अभी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की कोई जानकारी नहीं है. मेरे दिल्ली दौरे को लगातार मुद्दा बनाया जा रहा है.


कांग्रेस के आए
बता दें कि हरक सिंह रावत ने पिछले दिनों राज्य सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था. पार्टी द्वारा उसी वक्त से उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही थी. हालांकि की वे पहले भी कई बार बगावती तेवर दिखा चुके हैं. साल 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. तब अगले 2017 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. उसके बाद से ही राज्य नेतृत्व से लगातार उनकी तकरार होती रही है जो अब खुलकर सामने आ चुकी है.


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