Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर सख्त कार्रवाई करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1025 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला है. खनन विभाग ने अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण और पारदर्शी प्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीति अपनाई है. इसके तहत ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से कुल 159 खनन पट्टों और 2 सिलीका सैंड पट्टों का आवंटन किया गया है, जिससे राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
इस साल का राजस्व लक्ष्य 875 करोड़ रुपये रखा गया था, लेकिन खनन विभाग ने इसे पार करते हुए अब तक 1025 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. विभाग का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक यह आंकड़ा 1100 करोड़ रुपये को भी पार कर सकता है. खनन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में खनन से प्राप्त राजस्व में निरंतर वृद्धि हुई है.
- 2020-21 में 506.24 करोड़ रुपये- 2021-22 में 275.01 करोड़ रुपये- 2022-23 में 472.25 करोड़ रुपये- 2023-24 में 645.42 करोड़ रुपये- 2024-25 में अब तक 1025 करोड़ रुपये
धामी सरकार ने उठाए जरूरी कदमअवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने विभिन्न स्तरों पर कई कदम उठाए हैं. प्रत्येक जिले में जिला खनन निषेध बल का गठन किया गया है, जिसमें राजस्व, वन, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारी शामिल हैं. स्थानीय ग्राम प्रधानों को भी इसका सदस्य बनाया गया है.
एन्फोर्समेंट सेल की स्थापना: अवैध खनन की त्वरित रोकथाम के लिए शासन स्तर पर एक प्रवर्तन प्रकोष्ठ (Enforcement Cell) बनाया गया है, जो अवैध खनन और परिवहन पर तत्काल कार्रवाई करता है.
ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: नागरिकों की शिकायतों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने dgmappl.uk.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत प्रणाली लागू की है।
सीएम हेल्पलाइन 1905: अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण करने के लिए राज्य स्तर पर सीएम हेल्पलाइन और CPGRAMS प्रणाली लागू की गई है
राज्य सरकार ने अवैध खनन पर रोकथाम के लिए 45 मिनी चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्णय लिया है, जो ऑटोमेटिक सर्विलांस सिस्टम से लैस होंगे। इनमें सीसीटीवी कैमरे, RFID रीडर और नाइट विजन कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे वाहनों की आवाजाही पर प्रभावी नियंत्रण रखा जाएगा. सरकार की सख्त निगरानी और तकनीकी उपायों के चलते अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम की उम्मीद है.
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