देहरादून: ओम्बड्समैन के चेयरमैन सुभाष कुमार ने प्रेस वार्ता करते हुए बिजली आपूर्ती को लेकर बात की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में ठीक से अगर पैरवी हो तो राज्य में जो भी संस्थान है उनकी रॉयल्टी राज्य को मिलेगी. दरअसल, उत्तराखंड में इस वक्त बिजली की आपूर्ति पूरी करने के लिए बाहर से बिजली खरीदनी पड़ती है जबकि कोर्ट में ठीक से पैरवी हो तो 12 सौ मेगावॉट बिजली राज्य में मुफ्त में मिल सकती है.


ओम्बड्समैन के चेयरमैन सुभाष कुमार ने बीते दिन पत्रकार वार्ता कर इस बात की जानकारी दी है कि कोर्ट में ठीक से पैरवी होने पर राज्य में जो भी संस्थान हैं उनकी रॉयल्टी राज्य को मिलेगी. उत्तराखंड राज्य 9 नवम्बर 2000 को यूपी से अलग हुआ टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश में है जिससे टीएचडीसी की उत्पादन बिजली से 25 प्रतिशत रॉयल्टी राज्य को मिलनी चाहिए. हालांकि अभी रॉयल्टी यूपी को मिल रही है और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.


12 सौ मेगावाट बिजली केवल रॉयल्टी से मिलेगी- चेयरमैन सुभाष कुमार


चेयरमैन सुभाष कुमार ने बताया कि कोर्ट में सही पैरवी हो तो राज्य को 12 सौ मेगावाट बिजली केवल रॉयल्टी से मिलेगी जो कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम के 13 पावर हॉउस से मिलने वाली बिजली के बराबर होगी और राज्य को बाहर से बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी.


पॉवर हाउस से करीब 43 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन करता है


आपको बता दें कि टीएचडीसी लिमिटेट राज्य और देश में स्थिति अपने पॉवर हाउस से करीब 43 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन करता है जिसका 25 प्रतिशत राज्य को मिलना चाहिए.


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