उत्तरकाशी के धराली में आई त्रासदी को लेकर पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जा सके हैं. मुख्यमंत्री खुद पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं और पल-पल की खबर ले रहे हैं. पहले दिन से ही उन्होंने मोर्चा संभाला हुआ है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जब धराली में आई त्रासदी की जानकारी मिली उस समय वो आध्र प्रदेश के तिरुपति में थे. आपदा की सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए. जिला प्रशासन ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन विभाग, आईटीबीपी के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया.
5 अगस्त 2025 आपदा का पहला दिन
आंध्र प्रदेश का दौरा स्थगित कर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शाम को ही राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून पहुंचे और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत व बचाव अभियान की जानकारी ली. जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को फ़ोन पर घटना के संबंध में बताया
पहले दिन शाम तक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के खाने-पीने और रहने की उचित व्यवस्था के निर्देश दिए. हर्षिल क्षेत्र में झील बनने की सूचना पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को इस पर उचित कार्रवाई के लिए कहा गया. प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने और बचाव कार्य में वायु सेना के एमआई-17 की मदद लेने के निर्देश भी जारी किए गए.
आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय को आपदा के दृष्टिकोण से नोडल अफसर नियुक्त किया. साथ ही, उत्तरकाशी जिले में डीएम रह चुके अपर सचिव डा मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रोहिल्ला और गौरव कुमार को अहम जिम्मेदारी दी गई. अपर सचिव विनीत कुमार को उत्तरकाशी में ही कैंप करने के आदेश जारी किए गए.
धराली में दो आईजी, तीन एसपी, एक कमाडेंट और 11 डिप्टी एसपी सहित 300 पुलिसकर्मियों को देहरादून से उत्तरकाशी जिले के लिए रवाना किया गया. देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जिले के आरक्षी से लेकर निरीक्षक स्तर के 160 पुलिस कार्मिकों को भी उत्तरकाशी भेजा गया.
देर शाम राज्य आपदा मोचन निधि से आपदा राहत एवं बचाव कार्य के लिए बीस करोड़ की धनराशि जारी की गई. विभिन्न विभागों के सचिवों अगले दिन ही धराली-हर्षिल पहुंचने के निर्देश जारी हुए.
6 अगस्त 2025 आपदा का दूसरा दिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम धामी से आपदा से जुड़ी जानकारी हासिल की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. प्रतिकूल मौसम के बावजूद धामी हवाई मार्ग से धराली पहुंचे. उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए राहत कार्यों की समीक्षा की.
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंड़ीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर, दिनांक-06 अगस्त 2025 को तड़के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए. सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी उपकरण भी पहुंचाने के निर्देश जारी किए गए.
स्वास्थ्य विभाग ने घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए. साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया.
जिला प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए. क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने का कार्य शुरू हुआ. एनआईएम और एसडीआरएफ ने लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण के कार्य आरंभ किया.
सीएम धामी ने बुधवार को ही उत्तरकाशी जिले के प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को हर समय अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए. बचाव दल ने सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दस जवानों का धराली से रेस्क्यू किया.
सीएम धामी ने उत्तरकाशी में कैंप करके रात्रि विश्राम किया. इस दौरान जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. कई जगह मार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में भारी उपकरणों को भी एयरलिफ्ट कर मौके पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए.
7 अगस्त 2025 आपदा का तीसरा दिन
गुरुवार से मातली उत्तरकाशी से हर्षिल के बीच शटल सेवा शुरू की गई. यूकाडा के आठ हेलीकॉप्टर शटल सेवा में शामिल किए गए. रेस्क्यू अभियान के तहत प्रभावितों को हेलीकॉप्टर से मातली आईटीबीपी परिसर लाने का काम शुरू हुआ.
दोपहर तक 274 लोगों को गंगोत्री एवं अन्य क्षेत्रों से हर्षिल तक सुरक्षित लाने में सफलता मिली. इनमें से 131 गुजरात, 123 महाराष्ट्र, 21 मध्य प्रदेश, 12 उत्तर प्रदेश, सात दिल्ली, छह राजस्थान, पांच असम, पांच कर्नाटक, तीन तेलंगाना, एक पंजाब राज्य से संबंधित थे.
शाम तक कुल 135 लोगों को रेस्क्यू कर उनके सुरक्षित गंतव्यों तक पहुंचाया जा चुका था. हर्षिल में रेस्क्यू कर लाए गए 274 लोगों को वहीं पर रखा गया था. विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए देहरादून एयरपोर्ट से 125 केवीए क्षमता का एक जनरेटर हर्षिल क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक एयर लिफट किया गया.
मुख्यमंत्री उत्तरकाशी से पौड़ी के आपदा प्रभावित क्षेत्र सैंजी पहुंचे और स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावितों से मुलाकात की. इस दौरान प्रभावितों को राहत राशि भी वितरित की गई. सीएम ने थलीसैंण तहसील के बांकुडा सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वे किया.