Uttarakhand Char Dham Yatra 2021: उत्तराखंड (Uttarakhand) में आज से चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) की शुरुआत हो चुकी है. यात्रा की शुरुआत होते ही चारों धामों में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. यात्रा खोलने से स्थानीय लोगों के साथ-साथ यात्रियों (Travelers) में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. इस बीच सबसे अहम बात ये है कि यात्रा के दौरान यात्रियों को पूरे दस्तावेज (Document) अपने साथ रखने होंगे.


सरकार की तरफ से पूरी कर ली गई है तैयारी 
लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार आज से उत्तराखंड में चारधाम के साथ हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरु हो गई है. हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद यात्रा को सीमित तौर पर ही शुरू किया गया है. सरकार की तरफ से भी यात्रा को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. यात्रा पर आने वाले हर एक यात्री को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा और इसके साथ ही स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी सभी यात्रियों को पंजीकरण कराना होगा. चारधाम यात्रा के लिए अलग से एसओपी भी जारी की गई है, जिसके तहत यात्रियों को चारों धामों के दर्शन करने की परमिशन होगी. इसके साथ ही सभी यात्रियों को अपने पूरे दस्तावेज अपने साथ रखने होंगे.


ये हैं प्रवधान


एक पंजीकरण पर अधिकतम 6 श्रद्धालु यात्रा कर सकेंगे.
यात्रियों को अपने पास सभी दस्तावेज रखने होंगे.
मंदिर में एक बार मे तीन यात्री दर्शन के लिए जाएंगे.
मंदिर के गर्भगृह में जाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंधित है. 
केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य. 
चारों धामों में सीसीटीवी कैमरे से होगी निगरानी.
मूर्तियों, घंटियों को छूने, कुंडों में स्नान पर भी प्रतिबंध. 


श्रद्धालु भी हैं उस्साहित 
वहीं, यात्रा के शुरू होने से व्यापारी वर्ग से लेकर तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है. यात्रा शुरू होने पर तीर्थ पुरोहितों ने राज्य सरकार का धन्यवाद जताया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद यात्रा शुरू हुई है जिसके लिए राज्य सरकार ने व्यवस्था पूरी की है. यात्रा से चारों धामों में लाखों लोगों को लाभ मिलेगा. वहीं, दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु भी यात्रा खुलने से उत्साहित हैं.


खिले लोगों के चेहरे 
उत्तराखंड में यात्रा शुरू होने से लाखों लोगों के चेहरे खिल गए हैं क्योंकि राज्य के लाखों परिवारों का रोजगार चारधाम यात्रा से ही जुड़ा है. लेकिन, चारधाम यात्रा संचालित होने का वक्त अब बहुत कम बचा है और वहीं यात्रियों की संख्या भी सीमित है. ऐसे में स्थानीय लोग चारधाम यात्रा से कितना रोजगार कर पाएंगे ये भी एक सवाल है. 



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