लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब संसद में वित्तीय वर्ष 2021- 22 का बजट पेश किया तो उसका आकार 34 लाख 83 हजार करोड़ से भी बड़ा रहा. इस बजट में तमाम घोषणाएं की गई हैं, और इस बजट में उत्तर प्रदेश को कई नई सौगातें मिली हैं. साथ ही साथ सबसे बड़ा राज्य होने के चलते ज्यादातर स्कीमों का फायदा यूपी को सबसे अधिक मिलेगा.


एकलव्य विद्यालय खुलेंगे


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में एकलव्य विद्यालय खोले जाने की जो घोषणा की है, उसका फायदा यूपी को मिलेगा और अब चार नए एकलव्य विद्यालय लखनऊ, बिजनौर, सोनभद्र और श्रावस्ती में खोले जाएंगे. इनका पहाड़ी इलाकों में बजट 48 करोड़ का होगा. जबकि मैदानी इलाकों में यह बजट 38 करोड़ होगा. हालांकि उत्तर प्रदेश में अभी फिलहाल बहराइच, लखीमपुर खीरी में दो विद्यालय पहले से संचालित हैं.


जल जीवन मिशन


वहीं, केंद्र सरकार ने बजट में जल जीवन मिशन शहरी को भी लॉन्च किया है और इसका भी फायदा यूपी को सबसे ज्यादा मिलेगा, क्योंकि यहां कुल 707 निकाय हैं. इनमें 17 नगर निगम नगर, 200 नगर पालिका परिषद, 490 नगर पंचायतें हैं. जल जीवन मिशन ग्रामीण के बाद अब शहरी को लांच करने की घोषणा की गई है और इसका भी सबसे ज्यादा फायदा यूपी को मिलता दिख रहा है.


हेल्थ सेक्टर


हेल्थ सेक्टर के बजट में इस बार सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. पिछली बार के मुकाबले इस बार के बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर 135 फ़ीसदी ज़्यादा बजट अलॉट किया गया है, और इसका भी सबसे ज्यादा फायदा यूपी को ही मिलेगा. यहां 75 जिले हैं तो 75 इंटीग्रेटेड लैब की स्थापना होगी. जिसकी घोषणा बजट में की गई है. वहीं, 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी को चिकित्सा स्वास्थ्य में जो वृद्धि हुई है उसका फायदा सबसे ज्यादा मिलता दिख रहा है. इतना ही नहीं कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बजट में 35,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है और जाहिर सी बात है उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा है तो वैक्सीनेशन भी सबसे ज्यादा होगा और इस बजट का एक अंश यूपी को भी मिलेगा.


यूपी को एमएसपी का लाभ


वहीं, एमएसपी पर खरीद का सर्वाधिक लाभ भी यूपी को मिलेगा, क्योंकि गेहूं और धान की खरीद पूरे देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही होती है. वहीं दो नई ट्रेनों का भी तोहफा उत्तर प्रदेश को मिला है, इनमें एक ट्रेन लखनऊ के गोमती स्टेशन से चलकर जयपुर तक जाएगी जो हफ्ते में 3 दिन चलेगी और यह 5 फरवरी से शुरू होगी. वहीं, दूसरी ट्रेन कामाख्या से लखनऊ होते हुए उदयपुर तक जाएगी और इसका संचालन 8 फरवरी से शुरू होगा.


केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सदारी घटी


हालांकि इस बार केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सेदारी घटी है. तकरीबन 63000 करोड रुपए यूपी की हिस्सेदारी कम हुई है. वित्त वर्ष 2020- 21 में केंद्रीय करों में से यूपी के लिए एक लाख 40 हजार करोड रुपए की हिस्सेदारी तय की गई थी. लेकिन संशोधित बजट में यूपी की हिस्सेदारी 98,618 करोड रुपए किया गया था. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सेदारी एक लाख 19 हजार करोड़ रखने का प्रस्ताव किया गया है जो अनुमानित हिस्सेदारी से लगभग 21 हजार करोड़ कम है.


ये भी पढ़ें.


मंदिर निर्माण के लिये मुस्लिम समाज दे रहा है बड़ा योगदान, जोर शोर से चल रहा है निधि समर्पण अभियान