UP Coronavirus: यूपी में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को योगी सरकार आर्थिक सहायता देगी. इसको लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है. शासनादेश के मुताबिक, कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को सरकार 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी. सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कुछ दिन पहले एलान किया था कि जिन लोगों ने कोरोना महामारी से जान गंवाई है उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी. सीएम के निर्देश पर इसका आदेश जारी कर दिया गया है. अपर मुख्य सचिव राजस्व की तरफ से सभी कमिश्नर और डीएम को निर्देश जारी किए गए हैं कि कैसे ये राहत राशि बांटी जानी है.


आवेदन में रखना होगा इन बातों का ध्यान
आपको बताते हैं की इस राहत राशि को पाने के लिए क्या करना होगा. मृतक के परिजनों को एक निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा. ये आवेदन जिलाधिकारी के यहां जमा होगा. इसके बाद डीएम को एक महीने में इसका निस्तारण करना होगा. आवेदन पत्र के साथ डेथ सर्टिफिकेट लगाया जाएगा. ये जरूरी है कि मृतक के डेथ सर्टिफिकेट पर "कोरोना से मृत्यु हुई है" लिखा हो.


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डीएम को अलग सेल बनाने का निर्देश
शासन ने प्रक्रिया को तेज करने के लिए डीएम को अलग सेल गठन करने के निर्देश दिए हैं. सभी जिलों में एडीएम, सीएमओ, एसीएमओ, मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और विषय विशेषज्ञ की कमेटी बनाई जाएगी. ये कमेटी डेथ सर्टिफिकेट को प्रमाणित करेगी.


प्रदेश में कोरोना से 22,898 की मौत
सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में 18 अक्टूबर 2021 तक 22,898 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. सबसे ज्यादा 2651 मौतें लखनऊ में उसके बाद 1905 मौतें कानपुर नगर में हुई हैं. मृतकों के परिजनों को राज्य आपदा मोचक निधि से 50 हजार रुपये की राहत राशि उपलब्ध कराने के लिए जिलावार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. योजना में आर्थिक सहायता सिर्फ इन मृतकों के परिजनों तक ही सीमित नहीं होगी. बल्कि भविष्य में भी अगर कोरोना से कोई मौत होती है तो उनके परिजनों को भी सहायता दी जाएगी.


यहां उलझन में परिजन
कोरोना से मौत के मामले में आर्थिक मदद का शासनादेश जरुर जारी हो गया, लेकिन बहुत से परिजन इसे लेकर उलझन में भी हैं. परिजनों की एक उलझन ये है कि आर्थिक सहायता के लिए गृह जिले में आवेदन करें या इलाज के दौरान जहां मौत हुई वहां. बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो इलाज के लिए किसी दूसरे जिले में गए. खास तौर से लखनऊ में तो लगभग प्रदेश भर से मरीज पहुंचे. इसके अलावा परिजनों का एक सवाल ये भी है की जिनकी मौत घर पर हुई वह कैसे आवेदन करें. कोरोना काल में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी रहे जिन्होंने असप्ताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. बड़ी संख्या में लोगों के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा. इन सब को लेकर अपर मुख्य सचिव राजस्व का कहना है लोगों की समस्याओं के परीक्षण के बाद जरूरत पड़ी तो नया दिशा निर्देश जारी किया जाएगा.


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