BSP Candidate Ticket: मायावती ने इस बार दागी नेताओं को टिकट न देने का फ़ैसला किया है. लखनऊ में बीएसपी नेताओं की मीटिंग में उन्होंने इस बात का एलान किया. मायावती ने कहा कि अगर किसी के खिलाफ हत्या, अपहरण और दंगा फैलाने जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज है तो उसे किसी भी कीमत पर चुनाव न लड़ाया जाए. चाहे वो पार्टी का कितना ही पुराना और समर्पित कार्यकर्ता क्यों न हो. मायावती ने कहा कि अगर बहुत ज़रूरी हुआ तो फिर ऐसे दागी नेताओं के रिश्तेदारों जैसे पत्नी या बेटे को टिकट देने पर विचार किया जा सकता है. मायावती अपने इस फैसले के बहाने यूपी चुनाव में अपनी आयरन लेडी वाली छवि को पेश करना चाहती हैं. वे अपनी सरकार के समय बेहतर कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है. इस मुद्दे पर उन्हें समाजवादी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने का चांस मिल सकता है.


 


इन्हें मिलेगी टिकट में वरीयता
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज लखनऊ में पार्टी ऑफिस में यूपी के सभी मंडल के कोऑर्डिनेटर और सेक्टर प्रभारियों की बैठक बुलाई थी. इसमें तय हुआ कि जल्द से जल्द सभी उम्मीदवारों का नाम फाइनल कर लिया जाए. बीएसपी ने इस बार अकेले ही विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है. मायावती ने कहा कि इस बार टिकट देने में दलितों, ब्राह्मणों और पिछड़ों पर फोकस रहेगा. उन्होंने कहा कि हर जिले से कम से कम एक दलित, एक ब्राह्मण, एक मुस्लिम और एक पिछड़े को जरूर टिकट मिलेगा. दलितों में गैर जाटव मतलब पासी, वाल्मीकि और खटीक को भी वरीयता दी जाएगी.


बूथ मजबूत करने को कहा
बीजेपी और समाजवादी पार्टी का चुनाव प्रचार जोर शोर से चल रहा है. बीजेपी की तरफ से पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार दौरे पर हैं. समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव भी विजय रथ यात्रा पर निकल चुके हैं. मायावती अब तक चुनाव प्रचार पर नहीं निकल पाई हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों के एलान के बाद ही वे प्रचार शुरू करेंगी. उससे पहले वे सारा होम वर्क कर लेना चाहती हैं. उन्होंने अपने नेताओं को बूथ मजबूत करने को कहा है.


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