कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से जन प्रतिनिधियों की कार्यकुशलता को बढ़ाने के मकसद से उत्तर प्रदेश विधानसभा में रविवार को सदन के सदस्यों के लिये एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया. सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना एवं विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन सूचना-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉक्टर हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया और विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की.
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि तकनीक समय के साथ बदलती रहती है और बदलते समय में विधायकों के लिए नई तकनीकों को अपनाना अनिवार्य हो गया है. उनके मुताबिक, एआई के माध्यम से न केवल कार्यकुशलता बढ़ाई जा सकती है बल्कि जनता के साथ संवाद को और अधिक पारदर्शी व त्वरित बनाया जा सकता है.
इसके बाद निर्दलीय विधायक अभय सिंह ने जो कहा, उसने सबके चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी और सदन में कई बार जमकर ठहाके लगे. उन्होंने कहा दसियों 15 साल से पहले मैं Google भी यूज़ करता रहा. अब जैसे एआई में चैट जीपीटी आ गया है. यह तो एक तरीके से ठग है. इनसे लेता (डाटा) है हमको देता है. हमसे लेता है इनको देता है. उनसे लेता है उनको देता है. हम डाटा के हिसाब से अपने आप को अपग्रेड करना चाहे वो तो समझ में आता है.
विधायक ने कहा कि जैसे अभी आपने बताया कि माता प्रसाद पांडेय सन् 1974 में मिले हुए पहली बार. तो हम चैट जीपीटी में डाले तो बताया 1980 में हुए. हम तो आपकी बात सही मानेंगे. हम चैट जीपीटी सही नहीं मान सकते. तो चैट जीपीटी तो या कोई भी एआई जो है इनसे लेकर (डाटा) के इनको दे रहा है, उनसे लेकर उनको दे रहा है. हमको अगर असली में हम जानना चाहें कि साहब हमारी विधानसभा में पब्लिक क्या चाहती है? क्या उसका मूड हो गया? किस पार्टी की हवा लहर चल रही है?
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'इसी के आधार पर हम सारा काम करने लगे तो...'
विधायक ने कहा कि अभी एक दिन मैंने अपनी कुंडली डाली. तो हमने कहा हमारा राजयोग कब तक चलेगा? तो कहता है कि इस समय तक चलेगा. तो हमने कहा कि नहीं... हमारा राजयोग तो हमारे पंडित जी ने इस समय बताया था क्योंकि ऐसा ऐसा ऐसा है. तो उसने कहा हां मैं गलत हूं. आप सही बोल रहे हैं. मैंने आपके मूल नक्षत्र नहीं देखा था इसलिए आपका ऐसे जवाब दिया. अब आपका ये योग चल रहा है. तो ये कुछ बताता नहीं है. जो हमने आपको बताया ना कि इन्होंने अपनी जानकारी फिट की. उन्होंने अपनी जानकारी फिट की. उसी आधार पर वो जानकारी देता है.
विधायक ने कहा कि अगर हम उस पर डिपेंड होते हैं तो जैसे Google कई बार गाड़ियां गिरा देता है वैसे ये भी हमको को गिरा देगा. जैसे Google मैप गाड़ी गिरा रहा है हमारी वैसे ये भी हमको को गिरा देगा तो अपने आप को अपग्रेड करने के लिए ठीक है कि तात्कालिक स्तर पर हमें कुछ नहीं आ रहा है तो उससे जानकारी प्राप्त कर ली. अगर हम इसी पर आधारित हो गए और इसी के आधार पर हम सारा काम करने लगे तो हमारा बेड़ा गर्क हो जाएगा ऊपर गिरेंगे कि नीचे पता नहीं.