Lucknow News: एकला चलो (Ekla Chalo Re) के मंत्र के साथ बीएसपी (BSP) लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी में जोर शोर से जुट गई है. पार्टी के आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि, अभी से लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन पर भी मंथन शुरू हो गया है. सभी मंडल कोऑर्डिनेटर अंदर खाने गुपचुप तरीके से प्रत्येक लोकसभा सीट पर 2 से 3 मजबूत नामों का पैनल बनाने में जुटे हैं. ये नाम बीएसपी अध्यक्ष मायावती (Mayawati) तक जाएंगे जिसके बाद खुद पार्टी सुप्रीमो इसमें से अंतिम नाम पर मोहर लगाएंगी. 


पार्टी नेताओं का जुटाया जा रहा है फीडबैक


बीएसपी के सभी मंडल कोऑर्डिनेटर इस समय अपने अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली लोकसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं. एक तरफ बूथ कमेटियों का गठन और संगठन मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है, साथ ही लोगों से पार्टी के नेताओं को लेकर फीडबैक भी जुटाया जा रहा है. इस फीडबैक के आधार पर 2 से 3 मजबूत नामों का पैनल बनाकर पार्टी नेतृत्व को सौंपा जाएगा. इसके अलावा प्रभारियों को रोजाना चार से पांच छोटी छोटी बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं. हर बैठक की फोटोग्राफ पार्टी मुख्यालय को भेजने के लिए कहा गया है.


बीएसपी की इन जगहों पर खास नजर


पार्टी के पदाधिकारी रूठों को मनाने के मिशन पर भी काम कर रहे हैं. बीएसपी आलाकमान के नेताओं की उन जगह पर गहरी नजर है जहां के नेता या कार्यकर्ता एक्टिव नहीं हैं. ऐसे में देखा जारहा है किसे एक्टिवेट करना और उनको रिप्लेस करने के आप्शन पर भी विचार किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में पार्टी को छोड़कर बड़े नेता दूसरी जगह चले गए वहां पर उस बिरादरी के लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा. जिससे उस समाज को पार्टी से जोड़े रखा जा सके. अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती समेत तमाम सीटों पर इस तरह से काम चल रहा है.


पार्टी सुप्रीमों पार्टी पदाधिकारियों को दे रही हैं टास्क


बूथ कमेटियों का गठन और कैडर कैम्प के बाद आने वाले दिनों में बीएसपी के भागीदारी सम्मेलनों का आयोजन होते भी देखने को मिल सकता है. इसके माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों की बीएसपी के साथ भागीदारी सुनिश्चित करने पर मंथन चल रहा है. हालांकि इसकी रूपरेखा पहले से कुछ अलग हो सकती है. पार्टी चुनाव को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि पिछले दिनों मायावती ने अपने पदाधिकारियों को जो टास्क दिया मंडल कोऑर्डिनेटर हर 5 से 7 दिन पर उसकी प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं.


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