UPPSC News: यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन (Uttar Pradesh Public Service Commission) ने पीसीएस (PCS) समेत तमाम दूसरी प्रमुख भर्ती परीक्षाओं के इंटरव्यू (Interview) के पैटर्न में अब बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है. इसके तहत इंटरव्यू बोर्ड (Interview Board) में अब सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स और प्रशासनिक अफसरों के साथ ही दूसरी फील्ड के प्रमुख लोग भी शामिल हो सकेंगे. इंटरव्यू लेने वाले पैनल में अब यूनिवर्सिटी के मौजूदा व पूर्व वाइस चांसलर के साथ ही सेना में ब्रिगेडियर रैंक से ऊपर के अफसर, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, वरिष्ठ वैज्ञानिक और सेन्ट्रल गवर्नमेंट में क्लास वन के अफसर भी शामिल हो सकेंगे. नये नियम कमीशन की अगली भर्तियों में होने वाले इंटरव्यू से ही लागू हो जाएंगे. पीसीएस समेत दूसरी परीक्षाओं के इंटरव्यू में अब प्रयागराज या आस पास के सब्जेक्ट एक्सपर्ट और आईएएस व पीसीएस ही शामिल होते हैं.

 

यूपी लोक सेवा आयोग का बड़ा फैसला

कमीशन ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि इंटरव्यू को लेकर अक्सर होने वाले विवादों को ख़त्म किया जा सके. दरअसल सीमित विकल्प होने की वजह से अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में मिलने वाले नंबरों पर अक्सर विवाद पैदा होता था. कई बार गंभीर आरोप भी लगे हैं. यूपी पीसीएस की भर्तियां वैसे भी पिछले एक दशक से विवादों के साये में हुई हैं. साल 2012 से 2017 के बीच हुई भर्तियों की जांच सीबीआई कर रही है. कमीशन इंटरव्यू में इस तरह के बदलाव कर पूरी प्रक्रिया को और निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने की कोशिश में है. 

 

नए नियम पर क्या कहते हैं छात्र

प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्रों ने कमीशन के इस फैसले का स्वागत किया है. प्रतियोगी छात्रों का मानना है कि इंटरव्यू पैनल को लेकर किये गए बदलाव के बाद अब भर्तियां और पारदर्शी तरीके से हो सकेंगी. हालांकि ज़्यादातर अभ्यर्थियों का मानना है कि कमीशन का यह फैसला सिर्फ दिखावा भर है. इंटरव्यू सिर्फ सौ नंबर्स का होता है, जिसमें आम तौर पर अभ्यर्थियों को चालीस से सत्तर नंबर दिए जाते हैं. अभ्यर्थियों के मुताबिक़ सिर्फ तीस नंबर को लेकर कमीशन पारदर्शिता की बात करता है, लेकिन प्री और मेंस के एग्जाम को लेकर कभी कोई जानकारी शेयर नहीं करता. इंटरव्यू से ज़्यादा ज़रूरी प्री और मेंस के एग्जाम में पारदर्शिता लाना है, क्योंकि प्री में कई लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं. 


 

प्रयागराज के बघाड़ा इलाके के माधुरी भवन में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सूरज तिवारी, आलोक कुमार शुक्ल और आकाश तिवारी का कहना है कि इस बदलाव के ज़रिये कमीशन अपनी बड़ी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश में है. हालांकि इन्होंने माना कि इंटरव्यू अब पहले से ज़्यादा पारदर्शी तरीके से हो सकेगा, लेकिन ये प्रतियोगी छात्र चाहते हैं कि जिस पद की भर्तियां हों, अगर उन्ही से जुड़े एक्सपर्ट इंटरव्यू लें तो ज़्यादा बेहतर होगा. बहरहाल ये ज़रूर कहा जा सकता है कि योगी राज में यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन धीरे धीरे सुधार की राह पर है.

 

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