Lucknow News: लखनऊ पुलिस को मदरसा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी मौलाना फैयाज अहमद मिस्बाही नौ महीने से फरार चल रहा था. आरोपी फैयाल अहमद के खिलाफ पिछले साल अगस्त महीने में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. इस मामले में फैयाज समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले की ये पहली गिरफ्तारी है.


दरअसल  यूपी मदरसा बोर्ड की तरफ से पिछले साल अगस्त 2023 में आरोपी फैयाज अहमद के खिलाफ पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के सेंट्रल ज़ोन के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले मे पुलिस ने फैयाज अहमद  समेत 5 लोगों को नामजद आरोपी बनाया था. इनमें मुख्य आरोपी फैयाज अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी फैयाज अहमद पिछले नौ महीने से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था.  


नौ महीने से पुलिस चकमा दे रहा था आरोपी
गौरतलब है कि यूपी मदरसा बोर्ड की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत पर नौ महीने बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी फैयाज अहमद को गिरफ्तार कर जेल दिया है. आरोप है कि फैयाज फर्जी और कूटरचित दस्तावेज के आधार पर मृत शिक्षक की जगह दो शिक्षकों को नियुक्ति कराई थी. इस मामले में फैयाज समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिनमें से मुख्य आरोपी फैयाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जांच में फर्जी दस्तावेंजों के आधार शिक्षक की नियुक्ति की पुष्टि थी जिसके इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी.


ये है मामला 
दरअसल गोरखपुर निवासी एजाज अहमद ने 4 जुलाई 2023 को मदरसा बोर्ड में एक शिकायत की थी. शिकायत में एजाज ने बताया कि मदरसा प्रबंधन ने शिक्षक के एक ही पद पर एक ही पत्रांक व दिनांक दर्शाते हुए दो व्यक्तियों अमजद रजा और शहादत अली की नियुक्ति की. जिस पर तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बलरामपुर बालेंदु द्विवेदी ने अपनी रिपोर्ट मदरसा शिक्षा परिषद को भेजी. उप निदेशक प्रयागराज मंडल ने मामले की जांच में पाया कि फर्जीवाड़ा किया गया है. इसके बाद मदरसा के शिक्षक अनीस अहमद की 20 अगस्त 2020 को मौत हो गई थी. इस पद पर दो व्यक्तियों शहादत अली व अमजद रजा को नियुक्ति पत्र जारी किया गया. 


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