Airport News: उत्तर प्रदेश में पांच और एयरपोर्ट के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण यानी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया बतौर सेवा प्रदाता का काम करेगा. इस संबंध में आज नागरिक उड्डयन विभाग, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष एके पाठक के बीच अनुबंध पत्र का आदान-प्रदान हुआ.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुए एमओयू के बाद अब इन हवाई अड्डों के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया होगी और जल्द ही सभी 5 एयरपोर्टों से वायुसेवा शुरू हो जाएगी. पांच एयरपोर्ट के अनुबंध में शामिल आजमगढ़ का भी नाम है. 






5 हवाई अड्डों से जल्द शुरू होगी वायुसेवा


आजमगढ़ से हाल ही में बीजेपी लोकसभा का उपचुनाव जीती है. इन सभी एयरपोर्ट्स को एयर बस ए-320 के मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा. इस सिलसिले में जल्द ही सर्वे की प्रक्रिया कराकर आवश्यक जमीन खरीदने की कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आज एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ है. रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत चयनित जनपद अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट एवं सोनभद्र में विकसित किए जा रहे हवाई अड्डों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का सहयोग मिल रहा है.


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पिछड़े क्षेत्रों में एयरपोर्ट किए जा रहे स्थापित


एयरपोर्ट ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हो रहे हैं जो विकास की दौड़ में कई कारणों से पीछे छूट गए थे. श्रावस्ती, सोनभद्र और चित्रकूट तो आकांक्षात्मक जनपद हैं. यहां से एयर कनेक्टिविटी होने से इन क्षेत्रों के विकास को नये पंख लगेंगे. 5 वर्ष पूर्व कोई सोच नहीं सकता था कि आजमगढ़ में एयरपोर्ट बनेगा. लोग आजमगढ़ के नाम डरते थे. हमने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ के बीच से निकाला. लोग कहते थे कैसे होगा, जब काम शुरू हुआ तो कहीं एक विरोध नहीं हुआ. प्रधानमंत्री जी के हाथों इसका लोकार्पण हुआ. हार्डवेयर का महत्वपूर्ण केंद्र अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरीडोर का एक नोड स्थापित कर रहे हैं. जल्द ही अलीगढ़ में बेहतर एयर कनेक्टिविटी की सुविधा होगी. 


चित्रकूट रामायण सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने वनवास का सर्वाधिक समय चित्रकूट में गुजारा था. चित्रकूट में पहाड़ी पर बहुत सुंदर एयरपोर्ट बन रहा है. इसे मैंने खुद देखा है. श्रावस्ती पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है. भगवान राम के पुत्र की राजधानी रही है तो भगवान बुद्ध ने अपने जीवन काल में सर्वाधिक चातुर्मास यहीं बिताए थे. अब श्रावस्ती से वायुसेवा शुरू होने जा रही है. सोनभद्र कभी नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है. लेकिन यह प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है. माइनिंग के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है. यही नहीं, जनजातीय समाज का उद्गम सोनभद्र ही है. सोनभद्र वायुसेवा की आवश्यकता को हम पूरा कर रहे हैं.


'उड़ान' योजना का उत्तर प्रदेश को मिला लाभ 


प्रधानमंत्री मोदी की शुरू की गई 'उड़ान' योजना का उत्तर प्रदेश ने अत्यधिक लाभ हासिल किया है. 2017 से पहले प्रदेश में मुख्य रूप से लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे. गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से एयरपोर्ट थे. उस वक्त 4 एयरपोर्ट से मात्र 25 जगहों तक की वायुसेवा उपलब्ध थी. आज 9 एयरपोर्ट संचालित हैं और 10 पर काम जारी है. आज 75 गंतव्यों तक वायुसेवा की सुविधा है. यह तब है जबकि बीते 2 वर्ष से हम कोरोना का सामना कर रहे हैं. 2017 के पहले गोरखपुर से दिल्ली तक केवल एक फ्लाइट थी.


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आज 14 उड़ानें हैं और मैं जब पूछता हूं तो पता लगता है कि सभी भरकर आती हैं और भरकर ही जाती हैं. इसने गोरखपुर के विकास को नई गति दी है. इसी तरह मात्र 11 माह में एयरपोर्ट तैयार कर प्रयागराज कुम्भ के लिए अच्छी वायु सेवा दी. उत्तर प्रदेश अतिशीघ्र 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने जा रहा है. वर्तमान में वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जबकि जेवर और अयोध्या में निर्माण जारी है. 25 करोड प्रदेशवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी-अच्छी वायु सेवा देना शासन का दायित्व है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम इस दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं. वायु सेवा सामान्य कनेक्टिविटी सुविधा भर नहीं है, बल्कि पर्यटन संवर्धन को भी गति देने में उपयोगी हैं. बेहतर वायु सेवा की प्रधानमंत्री की संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान करेगा.


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