UP Politics: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा हाल ही में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर दिए गए बयान पर यूपी के मंत्री संजय निषाद और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया दी है.संजय निषाद ने कहा, "जनता ने कांग्रेस को नकार दिया क्योंकि उनकी शिक्षा नीति वास्तव में खराब थी. 60 वर्षों तक उन्होंने ग्रामीण आबादी को अंग्रेजी नहीं पढ़ने दी. उनके पास कौन सी शिक्षा नीति थी?
संजय निषाद ने कहा है कि, 'संविधान अंग्रेजी में तैयार किया गया था. मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रम अंग्रेजी में थे. भारत की एक बड़ी आबादी गांवों में रहती है. लेकिन उन्होंने उन्हें 60 साल (अंग्रेजी पढ़ने) नहीं दिया. कांग्रेस से ज्यादा बेईमान कौन हो सकता है? आज हम अंतरराष्ट्रीय नीतियों का पालन कर रहे हैं. मुसलमानों के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं. अगर कोई शिक्षित होता है, तो वह विकास की मुख्यधारा में शामिल हो जाता है."
दरअसल कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारत की शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार हमला बोला है. सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार के राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आलोचना की. उन्होंने एक लेख के जरिए कहा कि मोदी सरकार संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर कर रही है.
सोनिया गांधी ने लेख में क्या कहा? बताते चलें कि 'द हिंदू' में लिखे एक लेख में सोनिया गांधी ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकीकरण करती है. मोदी सरकार राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है. पिछले 11 साल से अनियंत्रित केंद्रीकरण इस सरकार की कार्यप्रणाली की एक खास विशेषता रही है, लेकिन इसका सबसे खराब प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में पड़ा है."
उन्होंने कहा, "2019 से केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं हुई है. इस बैठक में केंद्र और राज्य के शिक्षा मंत्री भी शामिल होते हैं. बोर्ड की आखिरी बैठक सितंबर 2019 में हुई थी. पिछले 11 साल से अनियंत्रित केंद्रीकरण इस सरकार की कार्यप्रणाली की एक खास विशेषता रही है, लेकिन इसका सबसे खरबा प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में पड़ा है."
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