UP News: यूपी में अनधिकृत ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ 1 अप्रैल से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में यात्रियों और आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्देश दिए. अभियान पूरे प्रदेश में 30 अप्रैल तक चलेगा और इसे परिवहन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से चलाएंगे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. कई आपराधिक घटनाओं में बिना पंजीकरण चल रहे ई-रिक्शा और ऑटो की संलिप्तता पाई गई है. इन वाहनों पर लगाम लगाने के लिए सघन जांच और कार्रवाई की जाएगी.

नाबालिग नहीं चला सकेंगे वाहनसड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नाबालिगों के वाहन चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि टेंपो और ई-रिक्शा चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से किया जाए. इसके अलावा, जनपदों में गठित टास्क फोर्स में परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि अभियान को और प्रभावी बनाया जा सके.

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मुख्यालय से होगी रोजाना मॉनिटरिंगअभियान की हर दिन मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके लिए अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. वे सभी जिलों में चल रही कार्रवाई की रिपोर्ट लेंगे और मुख्यालय से इस अभियान को दिशा देंगे.

हर शुक्रवार को सरकार को मिलेगी रिपोर्टअभियान की प्रगति की रिपोर्ट हर शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी. वहीं, जिलों में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) को अभियान के प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी दी गई है.

बिना पंजीकरण और नियमों का पालन न करने वाले वाहन होंगे जब्तपरिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो वाहन बिना पंजीकरण या अवैध रूप से चल रहे हैं, उन्हें जब्त किया जाएगा. इसके अलावा, नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

राजधानी लखनऊ में बढ़ी अनधिकृत वाहनों की संख्याराजधानी लखनऊ सहित कई बड़े शहरों में बिना लाइसेंस और बिना पंजीकरण के ई-रिक्शा और ऑटो की संख्या तेजी से बढ़ी है. इससे न केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि अपराधों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. कई मामलों में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की संलिप्तता सामने आई है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.