UP Madrasa News: उत्तर प्रदेश में मदरसों में हो रही जांचों को रोकने के लिए मदरसा परिषद ने एक बार फिर से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह को पत्र लिखा है. अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर मदरसा परिषद ने परीक्षाओं को हवाला देते हुए जांच रोकने की मांग की और कहा कि इस संबंध में सही से आदेश जारी नहीं हो पाने की वजह से अब भी कई जगहों पर मदरसों की जांच की जा रही है, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. उन्होंने इस संबंध में सही से आदेश जारी करने का निवेदन किया है. 

 

दरअसल पिछले दिनों अल्पसंख्यक विभाग ने उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड और एडेड मदरसे की जांच के लिए कमेटी बनाई थी. जिस पर मदरसा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद ने आपत्ति जताई, जिसके बाद इस आदेश को विभाग ने रोक दिया था, लेकिन सही आदेश नहीं जारी होने की वजह से कई जगहों पर अभी भी जांच हो रही है. 

 

मदरसा परिषद के अध्यक्ष ने लिखा पत्र


मदरसों में हो रही जांच को लेकर मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद ने यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल को एक बार फिर से पत्र लिखा है. इफ्तेखार जावेद ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह से एक बार फिर से सही आदेश जारी करने का निवेदन किया है. मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर पत्र लिखते हुए अनुमति लिए बगैर अधिकारियों को जांच करने के आरोप लगाया. इफ्तेखार अहमद ने कहा कि स्पष्ट आदेश न जारी होने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसा संज्ञान में आया है  कि जांच शुरू कर दी गई है.

 

दरअसल पिछले दिनों मदरसों की जांच का आदेश जारी हुआ था, जिसमें जिला स्तरीय कमेटी बना के जांच होनी थी पर इफ्तेखार अहमद ने सरकार से परीक्षाओं का हवाला देते हुए उसको रोकने की बात कही थी जिसके बाद इफ्तेखार अहमद ने बयान जारी करते हुए कहा था कि मंत्री ने इसको रोक दिया है हालांकि इस बाबत कोई कागज जारी न हो पाने के कारण अलग-अलग जिलों में जांच की बातें सुनने में आ रही हैं.

 

मदरसा परिषद के अध्यक्ष इफ्तेखार जावेद ने कहा कि 13 फरवरी से मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होनी है और जांच से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है. उन्होंने कहा के जांच से संपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही है. मसरसों को लेकर कहा कि 2017 से मदरसों की जांच तीन बार हो चुकी है और मदरसों का डाटा मदरसा शिक्षा के पोर्टल पर अपलोड है. और अब एक बार फिर से चौथी बार जांच करना आवश्यक है तो वार्षिक परीक्षा के बाद जांच करें. इफ्तेखार अहमद ने परीक्षा के समय जांच को स्थगित करने को अत्यंत आवश्यक बताते हुए जांच को टालने को कहा है.