Opposition MPs: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को विपक्षी दलों के 49 और सदस्यों को निलंबित कर दिया गया. मंगलवार को निलंबित होने वालों में समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, दानिश अली और एसटी हसन शामिल हैं.


सदन से सांसदों के निलंबन पर लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "सदन के अंदर तख्तियां नहीं लाने का निर्णय लिया गया. हाल के चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण वे ऐसे कदम उठा रहे हैं. यही कारण है कि हम एक प्रस्ताव (सांसदों को निलंबित करने का) ला रहे हैं."


विपक्षी सांसदों के निलंबन पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है. भाजपा से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं. हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं. ये किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं. अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा."


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सदन की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को जिन सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया गया उसमें मनीष तिवारी, चंद्रशेखर प्रसाद, डिंपल यादव, कार्ति चिदंबरम, एसटी हसन, सुप्रिया सुले, शथि थरूर, दानिश अली, माला रॉय, राजीव रंजन सिंह, संतोष कुमार, प्रतिभा सिंह, मोहम्मद सादिक, जगबीर सिंह गिल, महाबली सिंह, एमके विष्णु प्रसाद, फारुख अबदुल्ला, गुरजीत सिंह औजला, फजलुर रहमान, रवनीत सिंह बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, सुशील कुमार रिंकू शामिल हैं.


इन सांसदों को निलंबित करने के लिए अर्जुन राम मेघवाल ने प्रस्ताव रखा. उधर, लोकसभा से 49 सांसदों के निलंबन पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) सांसद हरसिमरत कौर बादल का ने कहा, "मेरे पास शब्द नहीं हैं. इस नए संसद भवन के निर्माण से पहले उन्होंने क्या सोचा? वे इसे लोकतंत्र का कब्रिस्तान बनाना चाहते हैं."


उन्होंने कहा कि  आपने पूरे विपक्ष को बाहर कर दिया है.सुरक्षा उल्लंघन के आरोपी को पास जारी करने वाले सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. नई संसद के लिए एक नया नियम निर्धारित किया जा रहा है.