UP Lok Sabha Elections 2024: माफिया मुख्तार अंसारी की संदिग्ध मौत के बाद पूर्वांचल के अंसारी परिवार से हमदर्दी जताने के लिए सियासी पार्टियों और नेताओं में होड़ सी मची हुई है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कल गाजीपुर जाकर मुख्तार अंसारी के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे, तो वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल के थर्ड फ्रंट पीडीएम ने गाजीपुर सीट पर मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का फैसला किया है.


असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का थर्ड फ्रंट जल्द ही इस बारे (अफजाल अंसारी को समर्थन देने को लेकर) में औपचारिक तौर पर ऐलान भी करेगा. हालांकि पीडीएम यानी पिछड़ा दलित और मुस्लिम मोर्चे की दलील है कि अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी होने के नाते नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर समर्थन किया जाएगा.


पीडीएम करेगी अफजाल अंसारी का समर्थन? 


पीडीएम के एक बड़े नेता ने यह भी दावा किया कि अकेले अफजाल अंसारी ही नहीं बल्कि अन्याय-अत्याचार और शोषण के शिकार पीडीएम यानी पिछड़ा दलित और मुस्लिम वर्ग से जुड़े किसी भी पार्टी के कोई दूसरे उम्मीदवार भी अगर समर्थन के लिए गुजारिश करेंगे तो मोर्चा उनके नाम पर भी जरूर विचार करेगा. ओवैसी और पल्लवी पटेल के मोर्चे का मानना है कि मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर उनका परिवार जो आरोप लगा रहा है, वह बेहद गंभीर है.


अंसारी परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी पहले ही गाजीपुर जाकर मुख्तार अंसारी के परिवार वालों से मुलाकात कर चुके हैं. पीडीएम से जुड़े सूत्रों का दावा है कि अगर अंसारी परिवार चाहेगा तो असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल समेत मोर्चे में शामिल तमाम दूसरे नेता गाजीपुर जाकर अफजाल अंसारी का प्रचार भी करेंगे.


''अखिलेश यादव कतई मुसलमानों के हमदर्द नहीं''


अफजाल अंसारी को समर्थन करने का औपचारिक ऐलान पीडीएम की पहली रैली में किया जाएगा. दावा यह किया जा रहा है कि ओवैसी और पल्लवी पटेल के तीसरे मोर्चे में जल्द ही तमाम दूसरी छोटी पार्टियों भी शामिल होंगी. कोशिश यह है कि तीसरे मोर्चे में शामिल पार्टियों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा कर दी जाएं.


पीडीएम का यह भी दावा है कि असदुद्दीन ओवैसी के गाजीपुर जाने के बाद ही अखिलेश यादव ने अब मुख्तार अंसारी के परिवार से मुलाकात करने का फैसला किया है. आरोप लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव कतई मुसलमानों के हमदर्द नहीं हैं और वह उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं. तीसरा मोर्चा अगले हफ्ते पूर्वांचल से ही अपने चुनावी अभियान का आगाज करने की तैयारी में हैं. 


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