UP Assembly Election 2022: यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है और गोंडा में पांचवें चरण के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है. सभी प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है. बीजेपी ने पूर्व विधायक और मंत्री रमापति शास्त्री पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी से सपा में शामिल पूर्व विधायक रमेश चंद गौतम विधानसभा में इस बार समाजवादी पार्टी से मैदान में हैं. बहुजन समाज पार्टी से इस बार श्याम नारायण कोरी को मैदान में उतारा गया है. पूर्व सपा विधायक स्वर्गीय बाबूलाल कोरी की बेटी संतोष कुमारी इस बार कांग्रेस से ताल ठोंक रहीं हैं. सभी पार्टियों के उम्मीदवार नामांकन कर अपनी-अपनी सरकार की नीतियां लोगों को बता रहे हैं और जनसंपर्क कर रहे हैं.


कबीना मंत्री रमापति शास्त्री ने कही ये बात


बीजेपी सरकार के कबीना मंत्री रमापति शास्त्री ने बताया है कि 'ईमानदार काम दमदार' नारों के साथ जनसंपर्क कर रहे हैं. जनता आशीर्वाद दे रही है. इस बार पहले से अधिक वोटों से बीजेपी सरकार बनाने जा रही है.


सपा उम्मीदवार रमेश चंद गौतम ने कही ये बात


समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रमेश चंद गौतम ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नीतियों के साथ विकास कार्य किया जाएगा. जहां तक मनकापुर की बात है वहां पर शिक्षा के क्षेत्र में काम किया जाएगा. बिजली पानी सड़क की व्यवस्था की जाएगी और छुट्टा जानवरों से निजात पाने के साथ उनके रहने और गौशाला को सही किया जाएगा.


बसपा प्रत्याशी श्याम नारायण ने कही ये बात


बसपा प्रत्याशी श्याम नारायण ने बताया कि 'बहन जी' की नीतियों के साथ जनसंपर्क कर रहे हैं. अगर जनता ने मौका दिया तो क्षेत्र में विकास का काम किया जाएगा. लोगों को पक्का मकान दिया जाएगा. स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.


2012 चुनावी आंकड़ों की बात की जाए तो यहां पर समाजवादी पार्टी से बाबूलाल कोरी ने साइकिल दौड़ाई थी और दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के रमेश चंद गौतम थे. लेकिन इस बार रमेश चंद गौतम समाजवादी पार्टी से इसी विधानसभा में ताल ठोक रहे हैं.


गोंडा जनपद की मनकापुर विधानसभा सुरक्षित सीट है. सन 2017 के चुनाव में बीजेपी के रमावती शास्त्री ने यहां से कमल खिलाया था और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के रमेश चंद गौतम को 7161 वोटों से हराया था. एक बार फिर से रमेश चंद गौतम समाजवादी पार्टी से कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के मनकापुर प्रत्याशी रमापति शास्त्री के सामने मैदान में हैं.


क्या हैं मनकापुर विधानसभा सीट के सियासी आंकड़े?


मनकापुर विधानसभा सीट के सियासी आंकड़ों की बात की जाए तो यहां सन 1985 और 1989 में कांग्रेस से रामबिष्णु आजाद ने जीत हासिल की थी. 1991 में बीजेपी से छेदीलाल ने जीत हासिल की थी. रामबिष्णु आजाद ने सन 1993 में कांग्रेस से दोबारा जीत हासिल की थी. सन 1996, 2002 और 2007 से रामबिष्णु आजाद ने समाजवादी पार्टी से जीत हासिल की. वहीं सन 2012 में समाजवादी पार्टी से बाबूलाल कोरी ने अपनी साइकिल दौड़ाई थी. सन 2017 की बात की जाए तो बीजेपी से रमापति शास्त्री ने जीत हासिल की और बीजेपी की सरकार में कैबिनेट समाज कल्याण मंत्री बने थे. एक बार फिर से बीजेपी ने इन पर दांव खेला है और वह मैदान में हैं.


क्या है मनकापुर विधानसभा सीट के जातिगत आंकड़े 


मनकापुर विधानसभा सीट के जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो सबसे अधिक यहां पर ब्राह्मण मतदाता हैं. ब्राह्मण के बाद यहां पर पिछड़ी जातियां हावी हैं. यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और क्षत्रिय समाज के मतदाता भी अधिक हैं. यहां अनुसूचित जाति के वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं.


इस सीट पर जीत और हार के आंकड़े


आजादी के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का बोलबाला रहा है. हालांकि बाद में 5 बार लगातार सपा का भी परचम लहराया है. 1952 में मनकापुर राजघराने के राघवेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस से विधायक बने. जल्द ही राघवेंद्र प्रताप सिंह का मोह कांग्रेस से भंग हो गया और वह 1957 में निर्दलीय और 1962 में स्वतंत्र पार्टी से विधायक बने. बाद में राघवेंद्र प्रताप सिंह के बेटे कुंवर आनंद सिंह ने अपने पिता की विरासत संभाली और 1967 और 1969 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए. वे सरकार में राज्य मंत्री भी बने.


1974 से मनकापुर विधानसभा क्षेत्र आरक्षित हो गया. तब रंगून से स्नातक कैप्टन राम गरीब को कांग्रेस ने 1974 में अपना प्रत्याशी बनाया. जिनको मतदाताओं ने जिताकर विधानसभा में पहुंचाया. 1977 में कांग्रेस के गंगा प्रसाद एमएलए चुने गए. 1980 में कांग्रेस के छेदीलाल को विधानसभा में जाने का अवसर मतदाताओं ने दिया. 1985 और 1989 में कांग्रेस के राम विशुन आजाद विधायक बने और 1991 में बीजेपी से छेदीलाल को मतदाताओं ने अपना विधायक चुना. लेकिन 1993 से 2007 से इस क्षेत्र से सपा के रामविशुन आजाद लगातार विधायक चुने जाते रहे. 2012 में सपा ने अपना प्रत्याशी बाबूलाल को बनाया जिन्हें जनता ने दिल खोलकर वोट दिया और विजेता बना दिया. लेकिन फिर  2017 में बीजेपी के रमापति शास्त्री ने जीत दर्ज की और सरकार में समाजकल्याण मंत्री बने.


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