UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बहुप्रतीक्षित गठबंधन पर मुहर लग चुकी है. अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के घर पर जाकर मुलाकात की है. चाचा और भतीजे के रिश्तों में जमीं बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है. ऐसे में इस गठबंधन से बीजेपी के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. शिवपाल सिंह यादव की वजह से समाजवादी पार्टी का परंपरागत यादव वोट बैंक में बिखराव थमेगा. वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी विचारधारा मानने वाले लोग कुनबे के एक होने से राहत महसूस कर रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव कितनी सीटें देंगे क्योंकि कुछ महीने पहले तक जब शिवपाल सिंह यादव गठबंधन या विलय के लिए लालायित थे, तब उन्होंने 100 सीटों की मांग की थी और और अभी हाल ही में खबर आई है कि अखिलेश यादव को उन्होंने 40 सीटों की लिस्ट सौंपी है. ऐसे में सपाई किले जहां शिवपाल सिंह यादव अपनी मजबूत मौजूदगी रखते हैं, वहां कैसे सामंजस्य बैठेगा.


प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, जो लिस्ट अखिलेश यादव को सौंपी गई थी उसमें शिवपाल सिंह यादव संभल से, जसवंत नगर से उनके बेटे आदित्य सिंह यादव, इटावा से रघुराज सिंह शाक्य, उन्नाव से शिवकुमार बेरिया, गाजीपुर से शादाब फातिमा,  सरोजनी नगर से शारदा शारदा प्रताप शुक्ला, महोबा से छत्रपाल सिंह, एटा सदर से आशीष यादव, गोंडा के इटियाथोक सीट से सुरेश शुक्ला समेत कई अन्य सीटों पर उन्होंने अपने प्रत्याशी बनाए जाने की बात कही थी.


शिवपाल सिंह यादव ने इतनी सीटों पर की दावेदारी


समाजवादी कैंप से खबर सामने आ रही है कि अखिलेश यादव अपने चाचा को 5 सीट देने पर सहमत हो गए हैं वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने 10 से ज्यादा सीटों की दावेदारी की है. इस मामले में समाजवादी पार्टी हो या प्रगतिशील समाजवादी पार्टी दोनों तरफ से ज्यादा खुलकर नहीं बोला जा रहा और सब कुछ राष्ट्रीय नेतृत्व पर ही छोड़ा जा रहा है. हालांकि, दोनों के नेता यह जरूर कह रहे हैं कि पार्टी मजबूत होने से अखिलेश यादव को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता और भारतीय जनता पार्टी को परास्त कर दोबारा हम सत्ता हासिल करेंगे.


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