UP News: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट बुधवार को जारी करने के साथ 14 लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई. जिन लोगों को भारत की नागरिकता दी गई ये वह लोग हैं जो धार्मिक उत्पीड़न या इसके डर के कारण 31 दिसंबर 014 तक भारत आ गए थे. वहीं इसे लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शुभारंभ हो गया है.


सीएम योगी ने एक्स पर लिखा-"आज का दिन ऐतिहासिक और मानवता के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ने वाला है. दशकों की प्रतीक्षा के पश्चात आज नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मजहबी कट्टरता से प्रताड़ित होकर भारत में शरणागत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई बहनों-भाइयों को भारतीय नागरिकता मिलने का शुभारंभ हो गया है. नागरिकता पाए सभी बहनों-भाइयों को हार्दिक बधाई! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का अभिनंदन, सच में, मोदी हैं तो मुमकिन है..."






बता दें कि सीएए के नियमों में आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (एसएलईसी) में आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘‘ऐतिहासिक दिन’’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म हो गया है. सीएए को 31 दिसंबर 2014 तक या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं.


कानून बनने के बाद, सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें चार साल से अधिक की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को जारी किया गया.


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