लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई असाधारण परिस्थितियां में व्यापक छात्र हित और जनहित में प्रदेश सरकार की तरफ से वर्ष 2021 में निर्धारित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. 


सरकार छात्रों के हित में काम कर रही है
उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित में कार्य कर रहा है. उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माहीने में ही करोना महामारी को देखते हुए पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कमी कर दी थी. माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के साथ-साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई- विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल और यूट्यूब पर माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञान गंगा चैनल के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है. इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्रों के बनाए गए तथा पठन-पाठन की नियमित व्यवस्था बनाई गई है.


छात्रों के हित में लिया फैसला  
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कक्षा 12 की परीक्षा के महत्व और छात्रों के भविष्य पर इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकों की भूमिका के दृष्टिगत, सभी सावधानियों को बरतते हुए तथा कोविड-19 महामारी से बचाव के सभी नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनुकूल परिस्थितियों के रहते हुए वर्ष 2021 की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट की परीक्षा को जुलाई के द्वितीय सप्ताह में कराना प्रदेश सरकार की तरफ से प्रस्तावित है. इसकी विस्तृत समय सारणी शीघ्र ही साझा की जाएगी. पूर्व के भांति इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में परीक्षा संपादित की जाएगी. छात्रों के हित में प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लिया गया है कि प्रश्न पत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा और छात्रों को प्रश्न पत्र में दिए गए 10 प्रश्नों में किन्ही 3 प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए इस वर्ष केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है. कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए इस वर्ष 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है. 


अभिभावक कर सकते हैं शिकायत 
डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से संचालित विद्यालयों में कक्षा 6, 7 ,8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है. अब ये निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश ना हो तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए. कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए. यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक संपादित नहीं हो पाई है तो वो छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे. यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए. यदि बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वो लागू होगा अन्यथा कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों पर लागू होगी. आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा. जिला विद्यालय निरीक्षक को इसका दायित्व सौंपा गया है. यदि किसी विद्यालय द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष शिकायत कर सकते हैं.  


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