उत्तर प्रदेश में बीजेपी पार्टी अध्यक्ष पद के लिए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नामांकन के साथ ही उनके निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावनाएं प्रबल हैं. लेकिन सवाल ये है कि विधानसभा चुनाव से पहले यूपी बीजेपी के सबसे बड़े पद के लिए पकंज चौधरी का नाम पर पार्टी दांव क्यों लगा रही है.

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दरअसल, बीजेपी ने इस कदम से परम्परागत वोटों को जोड़ने के साथ ही सपा के PDA पर भी करारा प्रहार किया है. अगर पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा वोट बैंक साधने की ओर बड़ी चाल चल दी है.  प्रदेश में कुर्मी बिरादरी का बड़ा वोट बैंक है और उसमें उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल की अनुप्रिया पटेल की भी पार्टी है.

बीजेपी के इस कदम से महाराजगंज और आसपास के इलाके में में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है. उसकी बड़ी वजह गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अगर प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी बनते हैं तो पूर्वांचल का दबदबा पूरी तरह दिखेगा. इसके अलाव पंकज चौधरी का आसपास के इलाके में मजबूत पकड़ है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस रणनीति का असर आगमी विधानसभा में बखूबी देखने को मिलेगा.

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पार्टी में हमेशा मजबूत ओहदा मिला

पार्टी  कार्यकर्ताओं का मानना है कि पंकज चौधरी का ओहदा पार्टी में हमेशा ठीक रहा है. यही वजह है कि चुनाव में भी पार्टी ने इन्ही पर हर बार भरोसा जताया. पिछड़े समाज में इनकी मजबूत पकड़ के अलावा संगठन में इनको लेकर कभी गतिरोध सामने नहीं आया. शुरूआत से ही पार्टी की ओर से मिली जिम्मेदारी का बखूबी निवर्हन कर आगे बढ़ते चले गए. इनके विरोधी भी इनके व्यक्तित्व की सराहना करते हैं. सात बार सांसद होने के बाद भी जनता से इनकी नजदीकी कम नहीं हुई. कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने में भरोसा रखते हैं.

राजनीति के जानकार बताते हैं कि अपना दल व अन्य सहयोगियों से परंपरागत कुर्मी वोट को अपने ओर आकर्षित करने में पंकज चौधरी काफी मददगार साबित हो सकते हैं. शहर से लेकर गांव तक हर कोई टीवी व सोशल  मीडिया से जानकारी लेकर चर्चा करने में मशगुल है. संघ से इनकी नजदीकी के साथ ही पार्टी के कैडर वाले नेताओं के भी प्रिय माने जाते हैं. यह अपनी कुशल रणनीति का नमूना भी चुनाव में दिखा चुके हैं. प्रदेश में पिछडे़ समाज के काफी मजबूत नेता माने जाते हैं.

पीएम मोदी अचानक पहुंचे थे घर

स्थानीय कार्यकर्ताओं के मुताबिक यह महराजगंज के लिए गौरव का विषय होगा. पार्टी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को जिम्मेदारी सौंपेगी तो इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना कार्यक्रम और प्रोटोकॉल को तोड़कर पंकज चौधरी के घर जाकर उनका कद बढ़ा दिया था. उनके घर जाने के लिए पीएम मोदी को सकरी गलियों से पैदल जाना पड़ा था. पीएम मोदी की इस तवज्जो ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पंकज का कद बढ़ा दिया और कुर्मी बिरादरी में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई.

पार्षद से शुरू किया था कैरियर

गोरखपुर के उद्योगपति भगवती चौधरी एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उज्ज्वल चौधरी के छोटे सुपुत्र पंकज चौधरी ने गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के तौर पर 1989 में राजनीति का सफर शुरू किया. 15 नवंबर 1964 में गोरखपुर के उद्योगपति परिवार में जन्मे पंकज चौधरी की शिक्षा शिक्षा गोरखपुर विश्वविद्यालय से हुई है. वर्ष 1990 में ही भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्य समिति सदस्य हुए. 10 वीं लोकसभा में वर्ष 1991 में महराजगंज संसदीय सीट से भाजपा के सिम्बल पर सांसद चुने गए. 11 वीं और 12 वीं लोकसभा में वर्ष 1996, 1998 में सांसद चुने गए.

1999 में सपा के अखिलेश से हार मिली, 2004 में पुनः निर्वाचित हुए. 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार मिली. 2014 से लगातार लोकसभा के सदस्य हैं. पार्टी ने पंकज चौधरी का हाथ नहीं छोड़ा. चौधरी इस बार पांचवीं बार सांसद बने. 2019 में वे फिर से सांसद बने. मोदी कैबिनेट के पहले विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का पद मिला. 2024 में चुनाव जीते और मंत्री बने.

जिले के कार्यकर्ताओं में उत्साह

महाराजगंज से जिला अध्यक्ष संजय पांडे के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ता लखनऊ पहुंच चुके हैं घोषणा होते ही स्वागत करेंगे. महराजगंज जिले से सात वोटर मतदान करेंगे.