Medical Device Park in Greater Noida:  कोरोना वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से की अपील की है, कि वह मेडिकल डिवाइस पार्क वा फार्मा पार्क डेवेलप करें ताकि मेडिकल सुविधाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा उपकरण हिंदुस्तान में तैयार किए जा सके. इस अपील को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. 


पीएम की अपील के बाद फार्मा पार्क की योजना


मेडिकल सुविधाओं को लेकर के हम कितना तैयार हैं इसकी सच्चाई से कोरोना महामारी ने हमें रूबरू करा दिया है. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री भी यही चाहते हैं कि देश में ज्यादा से ज्यादा मेडिकल उपकरण तैयार हो ताकि हम दूसरे देशों पर आश्रित ना रहें. इसीलिए उन्होंने राज्यों से अपील की कि वो मेडिकल डिवाइस पार्क अपने राज्यों में डेवलप करें ताकि हमें मेडिकल संबंधी जो भी उपकरण चाहिए वो तत्काल उपलब्ध हो सके, और जो मेडिकल सेक्टर बाहरी देशों पर आश्रित हैं वो खुद आत्मनिर्भर बन सके. 


सबसे बड़ा फार्मा पार्क


यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है. ये पार्क 350 एकड में तैयार किया जाएगा. जिसमे न्यूनतम प्लॉट 1000 मीटर और अधिकतम 4000 मीटर के होंगे.  इसके अलावा अगर किसी कम्पनी को बड़ा प्रोजेक्ट लगने के लिए ज्यादा भूमि चाहिए उसके लिए अलग से प्लाट डेवलप करके दिया जायेगा. 


2023 तक बनकर होगा तैयार 
आपको बता दें, मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क 2023 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इस मेडिकल डिवाइस पार्क को दो चरणों में डेवलप किया जायेगा. पहले चरण में 125 एकड़ में यह मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा फार्म डेवलप होगा. वहीं, दूसरे चरण में 225 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क का कार्य संपन्न किया जाएगा. मेडिकल डिवाइस पार्क फार्मा पार्क कुल 350 एकड़ में बनाया  जाएगा. 


यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क में करीब 18000 करोड रुपए का निवेश किया जाएगा, जिससे करीब 35 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलेगा. साथ ही इस पार्क के स्थापित हो जाने से उत्तर प्रदेश मेडिकल क्षेत्र में अहम मुकाम भी हासिल कर पाएगा. 


ज्यादा से ज्यादा लगेंगी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट


मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ज्यादा से ज्यादा लगाई जाएंगी, जिससे मेडिकल उपकरणों का उत्पादन उत्तर प्रदेश में ही किया जा सके. इन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में ऑक्सीजन सिलेंडर ,पीपीई किट, कन्संट्रेटर  समेत उन उपकरणों को स्थापित करने में ज्यादा जोर दिया जा रहा है जिन की आवश्यकता इस कोरोना वैश्विक महामारी में सबसे ज्यादा थी. 


यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 28 में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क में जो भी उद्यमी अपनी यूनिट लगाएगा, उसे सरकार विशेष रियायत भी दे रही है. लोन की ब्याज दर से लेकर GST तक सभी में भारी छूट दी जायेगी. इतना ही नहीं कोई उद्यमी अगर रिसर्च करना चाहता है या फिर अपने कारोबार को और डेवलप करना चाहता है तो उसे कई तरह की सुविधाओं के साथ कई क्षेत्रों में रियायत भी दी जाएगी. 


सस्ते दामों पर पानी-बिजली उपलब्ध होगी


साथ ही यहां पर बिजली पानी सस्ते दामों पर सरकार उद्यमियों को उपलब्ध कराएगी, साथ ही कारोबार के लिए बेहतर कनेक्टिविटी का ध्यान पहले से ही सरकार ने रखा हुआ है. यही वजह है कि मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा 5th ब्लॉक करने से पहले चौमुखी विकास का रोड मैप प्रदेश सरकार ने तैयार किया है. यही वजह है कि चारों तरफ चौड़ी सड़कें यमुना एक्सप्रेस वे से कनेक्टिविटी जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के अलावा मेट्रो कनेक्टिविटी का भी खास ख्याल रखा गया है. 


उत्तर प्रदेश जहां मेडिकल डिवाइस पार्क व फार्मा पार्क स्थापित कर चिकित्सा की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल करेगा, वहीं दूसरी तरफ युवाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने में भी सफल होगा, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों का भी विकास होगा. 


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