विधानसभा के 2017 के चुनाव में बीजेपी-सुभासपा का गठबंधन हुआ था. बलिया की बांसडीह सीट सुभासपा के कोटे में गई. बीजेपी नेता केतकी सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया. बीजेपी के कई नेताओं ने उनका समर्थन किया. वोट बंटने से ना बीजेपी जीती और ना सुभासपा जीत पाई. वहां से जीत मिली समाजवादी पार्टी के रामगोविंद चौधरी को. बीजेपी की बागी केतकी सिंह दूसरे नंबर पर रहीं. अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि बांसडीह की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है.

बांसडीह सीट पर 2017 के नतीजे

  • सपा के रामगोविंद चौधरी को 51 हजार वोट मिले.
  • निर्दलीय लड़ीं केतकी सिंह को 49 हजार से ज्यादा वोट.
  • सुभासपा के अरविंद राजभर को 40 हजार से ज्यादा वोट.
  • बसपा के शिवशंकर को करीब 39 हजार वोट मिले.
  • छोटे दलों के उम्मीदवारों को करीब 30 हजार वोट मिले.

बांसडीह सीट पर 2012 के नतीजे

  • सपा के रामगोविंद चौधरी जीते, 52 हजार वोट.
  • बीजेपी की केतकी सिंह को 29 हजार वोट मिले.
  • सुभासपा के दीनबंधु को 28 हजार वोट मिले.
  • बीजेपी और सुभासपा के वोट में मामूली अंतर था.
  • बसपा के बड़े लाल को 24 हजार वोट ही मिले.

बांसडीह सीट का इतिहास

  • 2012 और 2017 में सपा के रामगोविंद चौधरी जीते.
  • 2007 में बसपा के शिवशंकर ने जीत दर्ज की.
  • 2002 में समाजवादी जनता पार्टी से रामगोविंद जीते थे.
  • 1991 से तीन बार कांग्रेस के बच्चा पाठक जीते थे.
  • 1985 और 1989 में जनता दल से विजय लक्ष्मी विजयी.

2017 में हुआ था दिलचस्प मुकाबला

  • सपा के रामगोविंद चौधरी की सीट खतरे में थी.
  • निर्दलीय चुनाव लड़ीं केतकी सिंह ने टक्कर दी.
  • क्षत्रिय वोट बंटने के चलते केतकी सिंह हारी थीं.
  • यादव वोट एकमुश्त रामगोविंद चौधरी को मिला था.