समाजवादी पार्टी ने कुख्यात डकैत रहे ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को चित्रकूट जिले की मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. वीर सिंह पटेल ने मानिकपुर से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. वो इसकी जानकारी देने लखनऊ चले गए हैं. 


वीर सिंह पटेल ने कहां से मांगा था टिकट


वीर सिंह पटेल ने बताया की सदर विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने टिकट के लिए आवेदन किया था. उनकी मानिकपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की कोई तैयारी नहीं थी, यदि उन्हें मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ाया जाना था तो कम से कम 6 माह पूर्व उन्हें अवगत करा दिया जाता. उन्हें वहां से तैयारी करने का मौका मिलता. उन्होंने कहा कि अचानक मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने के परिणाम का अंदाजा उन्हें है. 


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उन्होंने कहा कि मानिकपुर उनके लिए नया क्षेत्र है, यहां पार्टी का मूल मतदाता और संगठन मजबूत नहीं है. वह किसी को जानते नहीं हैं और चुनाव में अनजान क्षेत्र होने के कारण जंगलों में भटकते रहेंगे. लोगों को गुमराह किया गया है और पुरानी बातों को लेकर टिप्पणी की जा रही हैं. वह लोगों कों कहाँ तक जवाब देंगे. ऐसे में वह पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी बात रखेंगे. 


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चित्रकूट सदर से जीत चुके हैं चुनाव


एसटीएफ के हाथों मारे जा चुके ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चित्रकूट विधानसभा से विधायक चुने गए थे. इसके बाद फिर से इसी सीट से वो 2017 में बीजेपी के चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के हाथों हार गए थे. इस बार चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने फिर चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को मैदान में उतारा है. वहीं समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक की सीट में बदलाव करते हुए चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से अनिल प्रधान को टिकट दिया है. वीर सिंह को मानिकपुर का टिकट दिया गया था.