RSS Meeting in Lucknow: उत्तर प्रदेश में इस बार राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और विकास के एजेंडे पर बीजेपी ने मैदान में उतरने की तैयारी की है. जनता के बीच जाने से पहले पार्टी के अंदर असंतुष्टों को भी साधा जाएगा. चुनाव में पार्टी का चेहरा सीएम योगी और पीएम मोदी ही रहेंगे. हिंदुत्व के पोस्टरबॉय के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रोजेक्ट किया जाएगा. लखनऊ में 2 दिनों तक चली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बैठक में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा हुई.  


यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए महज 6 से 7 महीने का वक्त बचा है. बीजेपी की कोशिश है कि पिछले चुनाव से ज्यादा सीटों पर कमल खिलाया जाए. 2 दिनों तक संघ की जो समन्वय बैठक हुई, उसमें भी इसी बात पर चिंतन किया गया. हालांकि, मीटिंग में कई और भी मुद्दे थे, लेकिन कुल मिलाकर कहा जाए तो फोकस 2022 के चुनाव पर ही था. करीब 5 घंटे तक रविवार को बीजेपी और संघ पदाधिकारियों के बीच चली समन्वय बैठक में 5 मुद्दों पर मुख्य फोकस रहा.


- सरकार के कामकाज की समीक्षा और उसके हिसाब से चुनाव की तैयारियां.
- चुनाव से पहले संगठन का विस्तार.
- पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं को मनाना.
- संघ और बीजेपी से जुड़े संगठनों का विस्तार और उनकी भूमिका.
- चुनावी मुद्दे क्या हों और जनता के बीच लेकर किस तरह से ले जाया जाए.


आरएसएस का क्या है विचार
संघ के पदाधिकारी चाहते हैं कि आगामी चुनाव राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ा जाए. हिंदुत्व का इसमें तड़का लगे और पोस्टरबॉय के रूप में योगी आदित्यनाथ पर फोकस किया जाए. अयोध्या में राम मंदिर, धर्मांतरण, लव जिहाद, राष्ट्रवाद, अनुच्छेद 370, जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों को उठाया जाए. साथ ही सरकार की तरफ से इस दिशा में किए गए कार्यों को जनता के बीच ले जाया जाए.  


मीटिंग में मौजूद रहे बड़े नेता
संघ के साथ मीटिंग में बीजेपी से योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और बीजेपी कोऑर्डिनेटर अरुण कुमार मौजूद रहे.  


कोरोना काल में किए कार्यों का लिया जाएगा श्रेय
बैठक में सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए अपने कार्यों को गिनाया. संघ के पदाधिकारी भी संतुष्ट दिखे. मीटिंग में तय हुआ कि सरकार ने संक्रमण के बीच जो योजनाएं चलाई उन पर फोकस किया जाएगा. दवा, इलाज और ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता को जनता के बीच बताया जाएगा. संघ के 5 स्वयंसेवक हर गांव में तैनात किए जाएंगे. उनकी जिम्मेदारी होगी कि सरकार के कार्यों के बारे में लोगों को बताएं. 


ये भी पढ़ें: 


यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी, कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने के लिए तैयार


UP Board Result 2021: पहले रद्द हुई परीक्षा, अब रोल नंबर के लिए परेशान हैं यूपी बोर्ड के 56 लाख स्टूडेंट्स