योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान आज समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. योगी सरकार में वन और पर्यावरण मंत्री रहे चौहान ने 12 जनवरी को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने सरकार पर दलितों, पिछड़ों और किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. योगी सरकार से इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्मसिंह सैनी के साथ-साथ कई विधायक शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे.  


योगी आदित्यनाथ की सरकार पर क्या आरोप लगाए


सपा में शामिल होने के फैसले पर चौहान ने कहा था कि जिन लोगों ने मुझे चुना और जो लोग मुझे चाहते हैं, मेरा समर्थन करते हैं उन सभी से राय लेने के बाद ये फैसला लिया गया है. सभी ने कहा कि जो दल दलितों और पिछड़े वर्ग को साथ लेकर चल सकता है वो समाजवादी पार्टी है. चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ने के सवाल पर दारा सिंह चौहान ने कहा था कि पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था. लेकिन पिछड़े समाज के लोगों का कोई विकास नहीं हुआ. जबकि इस समुदाय ने बड़ी संख्या में बीजेपी को समर्थन देने का काम किया था. इस वजह से इतने बड़े बहुमत से सरकार बनकर आई. लेकिन दलितों और गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ. ये सभी लोग आज आहत हैं. मैंने इनकी आवाज उचित फोरम पर उठाई, लेकिन जब देखा कि सरकार अनदेखी कर रही है तो मैंने ये फैसला लिया. 


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आजमगढ़ से आने वाले दारा सिंह चौहान ने राजनीतिक की शुरूआत एक छात्र नेता के रूप में की. साल 2014 का लोकसभा चुनाव चौहान ने बसपा के टिकट पर लड़ा था. लेकिन बीजेपी के हरिनारायण राजभर ने उन्हें हरा दिया था. इसके बाद वो बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्हें बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को मऊ जिले की मधुवन सीट से उम्मीदवार बनाया. वो जीते भी. इसके बाद योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला. 


किस किस दल में रह चुके हैं दारा सिंह चौहान


चौहान को दल-बदल में माहिर माना जाता है. छात्र राजनीति के बाद वो कांग्रेस में रहे. बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. सपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया था. वो राज्यसभा में 2006 तक रहे. बाद में वो सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए. बसपा ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय सीट से टिकट दिया. इसके बाद वो पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे.  लेकिन 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद दारा सिंह चौहान ने बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. इस बार फिर जब चुनाव सिर पर है तो दारा सिंह चौहान बीजेपी छोड़ सपा का दामन थामने वाले हैं.


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