उत्तर प्रदेश में इन दिनों चुनाव का शोर है. प्रदेश में 7 चरण में मतदान कराया जाएगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. इस चरण में प्यार की निशानी ताजमहल के लिए पूरी दुनिया में मशहूर आगरा में भी मतदान कराया जाएगा. आगरा को उत्तर प्रदेश में दलितों या अनुसूचित जाति के लोगों का गढ़ कहा जाता है. आगरा में विधानसभा की कुल 9 सीटें हैं. इनमें से दो सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आइए जानते हैं कि पिछले दो चुनाव में आगरा जिले में किस पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहा है. 


आगरा में दो विधानसभा सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं


आगरा जिले में आने वाली विधानसभा सीटों के नाम हैं, फतेहपुर सीकरी, आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर, आगरा ग्रामीण, आगरा छावनी, खेरागढ़, बाह, फतेहाबाद, एत्मादपुर. इसमें से आगरा कैंट और आगरा ग्रामीण सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. एक समय आगरा को बसपा का गढ कहा जाता था. लेकिन 2017 के चुनाव के बाद यह बीजेपी का गढ बन गया.


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पूरे उत्तर प्रदेश की तरह आगरा में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी ने जिले की सभी 9 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. पिछले कुछ चुनाव में ऐसा शानदार प्रदर्शन कोई भी दल नहीं कर पाया था. इससे पहले 2012 के चुनाव में जिले की 9 में से 6 सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की थी. उस साल बीजेपी के हिस्से में 2 और समाजवादी पार्टी के हिस्से में एक सीट आई थी.  उससे पहले 2007 में जब बसपा ने प्रदेश में पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई थी तब भी उसने जिले की 9 में से 6 सीटों पर कब्जा जमाया था. उस साल बीजेपी ने 2 और अन्य के खाते में 1 सीट गई थी. 


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वहीं अगर इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सपा-बसपा गठबंधन में सपा 6 और रालोद 3 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. वहीं बीजेपी और बसपा ने सभी 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. 
इस बार गठबंधन में आरएलडी 3 और एसपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.