राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने जनता के नाम से एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने अपनी बात कही है और जनता से स्नेह और समर्थन देने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि वो सदैव जनता के हितों के संरक्षण के लिए समर्पित रहेंगे.
जयंत चौधरी ने चिट्ठी में क्या लिखा है
जयंत ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ''कोरोना के इस कठिन समय में अपना और अपनों का ध्यान रखते हुए आप सभी सकुशल होंगे, ये आशा करता हूँ. जैसा कि आप सभी को विदित है उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र के पर्व का प्रारंभ हो चुका है. आप सभी अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपनी सरकार चुनेंगे. लोक के मान का सम्मान आप सभी के मत पर निर्भर रहेगा.''
अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जिक्र करते हुए जयंत ने लिखा है, ''उत्तर प्रदेश, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, मेरे पूजनीय दादाजी श्रद्धेय स्व. चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि है. उन्होंने देश के किसानों को उनके अधिकार दिलाए और वंचित, ग्रामीण समाज का सहारा बने. उनके उपरांत आप सभी के सहयोग और साथ से मेरे पिताजी स्व. चौधरी अजित सिंह जी ने किसानों-मजदूरों के आर्थिक उत्थान का रास्ता खोला. उनके सच्चे और सरल स्वभाव को आप सभी ने खुद महसूस किया होगा. वे दोनों हमारी स्मृतियों में सदैव रहेंगे.''
सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं जयंत ने
आरएलडी नेता ने लिखा है, ''जनसेवा की भावना और सर्व समाज का विश्वास ही मेरी विरासत और जीवन पूंजी है. हम मिलकर राष्ट्रीय लोकदल के विचारों को जन जन तक ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोकदल हर वर्ग, हर समुदाय, हर लोक जन की आवास बनकर आगे बढ़ रहा है. इस पत्र के माध्यम से कुछ बातों पर आपका घ्याव लाना चाहूँगा, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि उत्तरप्रदेश में बीते पांच साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और फुशासन के कारण, जनविरोधी रहे हैं. किसान के बढ़ते बोझ के विरुद्ध जब जब स्वर उठे, उन्हें कुचलने का प्रयास हुआ. सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया जहाँ मौजूदा सरकार में साल दर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार बड़े हैं तो वहीं महिलाओं की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में रही. हर ओर वैमनस्य और अराजकता का माहौल बनाया गया लेकिन हमने आपसी भाईचारे और सामाजिक सौहार्द से कुंठित मानसिकता के विचारों को अपने बीच हाथी होने से रोक दिया. मुझे यह आप सभी के सहयोग से ही संभव जान पड़ा, यह सहयोग मेरे लिए गौरवान्वित करने वाला है. आज मेरी जिम्मेदारियों के निर्वाह में आप सभी की भागीदारी भी मेरे लिए बहुत जरूरी है. मैं करबद्ध होकर पुनः आप सभी से आपका खेह और आशीर्वाद माँगता हूँ. आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं सदैव आपके हित के संरक्षण के लिए समर्पित रहूंगा. जाति और धार्मिक पहचान पर टिके भेदभाव के विरुद्ध, आपके नागरिक अधिकारों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा.''
आरएलडी को बीजेपी का ऑफर
आरएलडी विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ रही है. जयंत चौधरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में दो प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया था. आरएलडी का प्रभाव वाला इलाका भी पश्चिम उत्तर प्रदेश है. वहां पिछले चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस बार कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी को पश्चिम में नुकसान उठाना पड़ रहा है. बीजेपी नेता अमित शाह ने पिछले दिनों मथुरा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि बीजेपी के दरवाजे आरएलडी के लिए चुनाव के बाद भी खुले हैं.