उत्तर प्रदेश में सर्दी बढ़ने के साथ लगातार कई शहरों की हवा प्रदूषित बनी हुई हैं. नवंबर के आखिरी में दो-तीन दिन में लोगों को जहरीली हवाओं से थोड़ी राहत मिली थी लेकिन, अब इसमें एक बार फिर से इजाफा हुआ हैं. गाजियाबाद नोएडा में लगातार दो दिन से हवा बेहद ख़राब से गंभीर श्रेणी में बनी हुई हैं. आसपास के दूसरे जिलों में भी प्रदूषण बढ़ गया है. 

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बीते दिनों यहां हवाओं की गति तेज होने का फायदा मिला था, जिससे प्रदूषण में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन बीते दो दिनों से यहां लगातार हवा में प्रदूषण का स्तर 350 से 450 के बीच बना हुआ है और हवा बेहद ख़राब से गंभीर श्रेणी में पहुँच गई है. गाजियाबाद एक बार फिर से सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ हैं. 

गाजियाबाद प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार को गाजियाबाद के लोनी मे इलाके में  सबसे अधिक वायु में प्रदूषण दर्ज किया गया है. यहां आज सुबह 6 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 दर्ज किया गया वहीं इंदिरापुरम में एक्यूआई 403 रिकॉर्ड किया गया है जो गंभीर श्रेणी की हवा मानी जाती हैं. 

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नोएडा-ग्रेनो में भी गंभीर श्रेणी में हवा

नोएडा में भी लोगों को प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिल पा रही हैं, लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से यहां सांसों पर संकट गहरा गया है. नोएडा के सेक्टर-125 में बुधवार को एक्यूआई बढ़कर 411 तक पहुंच गया, जबकि नोएडा सेक्टर 116 में एक्यूआई 413, सेक्टर 1 में एक्यूआई 402 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी की हवा है वहीं ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 378 रहा जो बेहद ख़राब श्रेणी में आता है. 

इन दोनों शहरों के अलावा भी यूपी के अन्य शहरों मेरठ, बागपत, हापुड़ जैसे शहरों में भी वायु प्रदूषण बढ़ा है. बुधवार को हापुड़ में एक्यूआई 387, मेरठ के जयभीम नगर में 343 और बागपत में 386 एक्यूआई दर्ज किया गया. इन शहरों की हवा भी बेहद ख़राब श्रेणी में बनी हुई हैं. 

इन शहरों में आसमान में धूल और धुंध की परत मोटी होती जा रही है. जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. प्रदूषण को देखते हुए लोगों को अच्छे मास्क पहनने की सलाह दी गई हैं. बहुत जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें. 

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