उमेश पाल हत्याकांड में लंबे समय से फरार चल रहा है 50000 के इनामी नफीस को पुलिस ने बुधवार को देर रात गिरफ्तार किया. इनामी नफीस ही बिरयानी रेस्टोरेंट संचालक था. नफीस माफिया अतीक अहमद का बेहद गरीबी था कल देर रात हुई मुठभेड़ में नफीस के बाएं पैर में गोली लग गई. वहीं नफीस के साथ मौजूद उसके साथी मौके का फायदा उठाकर वहां से फरार होने में कामयाब हो गए.


5 दिन पहले घोषित हुआ था इनाम
नफीस पर प्रयागराज पुलिस ने 5 दिन पहले ही इनाम घोषित किया था. पुलिस के मुताबिक बुधवार रात तकरीबन 11:00 बजे प्रयागराज- प्रतापगढ़ सीमा पर आनापुर में पुलिस टीमें जब गश्त कर रही थी उसी दौरान पुलिस ने बाइक से जाते हुए दो लोगों को रुकने का इशारा किया . पुलिस द्वारा इशारा करने पर ही इन दोनों युवकों ने पुलिस पर फायर झोंकते हुए भागने की कोशिश की . इस दौरान पुलिस का कहना है कि उन्होंने जवाब में फायर किया और जिस कारण नफीस के पैर में गोली लग गई.  नफीस के पास से पुलिस को एक पिस्तौल और दो कारतूस बरामद हुए हैं.


जानकारी के मुताबिक पुलिस को यह सूचना मिली थी कि नफीस प्रयागराज के अपने खुल्दाबाद वाले घर पर आ रहा है. इसी कारण प्रतापगढ़ - प्रयागराज के बॉर्डर के पास पुलिस ने चेकिंग लगाई थी. इसके बाद नफीस अपने साथियों के साथ वहां जाता हुआ दिखा तो पुलिसों ने रोकने की कोशिश की. इस दौरान नफीस ने पुलिस पर फायरिंग कर दी ,इसी में पुलिस की ओर से की गई जवाबी फायरिंग में नफीस के पैर में गोली लग गई . इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस ने नफीस को तो पकड़ लिया लेकिन उसका साथी हाईवे के किनारे जंगल की तरफ भाग गया. पुलिस के उसके करीबी की तलाश जारी है.


24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या


प्रयागराज में विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह रहे उमेशपाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या 24 फरवरी को प्रयागराज में हुई थी . उमेश पाल को दिनदहाड़े बदमाशों ने गोली मार दी थी.  2005 में बसपा के विधायक रहे राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था राजू पाल.  इस घटना में अतीक अहमद के बेटे असद ने भी गोलियां चलाई थी. इसी घटना की साजिश में अतीक और अशरफ का भी नाम आया था.