Uttarkhashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी टनल में जारी रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने दावा किया कि गुरुवार (23 नवंबर) सुबह आठ बजे तक टनल के अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकते हैं. उन्होंन कहा कि सुबह आठ बजे तक सारा ऑपरेशन पूरा हो जाएगा. सभी लोग अंदर फंसे मजदूरों के लिए दुआएं कर रहे हैं. देर रात हरपाल सिंह ने कहा कि वो टनल से अभी-अभी बाहर आ रहा है. उन्होंने कहा कि वो यहां चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा हैं. 


हरपाल सिंह ने कहा, "मैं टनल के अंदर से अभी-अभी आ रहा हूं. जोजिला टनल बनाने का काम में कर रहा हूं और यहां रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा हूं. कुछ देर पहले टनल के अंदर चार लोहे का सरिया ड्रिलिंग के दौरान आ गया जिस वजह से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया. गैस कटर मशीन के जरिए एनडीआरएफ की टीम उसे सरिया को काटने की कोशिश कर रही है. मुझे उम्मीद है कि अगले डेढ़ से 2 घंटे में सरिया को एनडीआरएफ की टीम गैस कटर मशीन से काट देगी. उसके बाद दो पाइपलाइन जो तकरीबन 12 मीटर होगा उसकी ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. मैं उम्मीद करता हूं कि सुबह 8:30 बजे तक मजदूरों का रेस्क्यू शुरू हो पाएगा."



सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जारी प्रयास बुधवार (22 नवंबर) की शाम को सफलता के करीब दिखायी दिया. इसके मद्देनजर एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और चिकित्सकों को घटनास्थल पर बुलाया गया. ‘चेस्ट स्पेशलिस्ट’ सहित 15 चिकित्सकों की एक टीम को घटनास्थल पर तैनात किया गया है. घटनास्थल पर 12 एम्बुलेंस तैयार स्थिति में रखी गई हैं. 


सिलक्यारा सुरंग में 10 दिन से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने का रास्ता तैयार करने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग फिर शुरू होने से बचाव अभियान में तेजी आई. ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर को किसी कठोर सतह से टकराने के बाद उससे ड्रिलिंग रोक दी गयी थी.


उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. बचावकर्मियों को सोमवार को 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन को मलबे के आरपार डालने में सफलता मिली थी जिसके जरिए ज्यादा भोजन सामग्री श्रमिकों तक पहुंचाई जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए 'एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी' कैमरा भेजकर मंगलवार तड़के श्रमिकों के सकुशल होने की पहली तस्वीरें और वीडियो मिला था.