Sultanpur News: यूपी के सुल्तानपुर में विधान परिषद के चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) ने अपने-अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया, जिसके बाद सुल्तानपुर (Sultanpur) जनपद का सियासी तापमान भी गर्मा गया. एक ओर जहां भाजपा ने सपा से पाला बदलकर पार्टी में शामिल हुए चार बार के एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह (Shailendra Pratap Singh) पर अपना दांव लगाया है तो वहीं सपा ने जेल में बंद यूपी के कद्दावर नेता रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) की बहू शिल्पा प्रजापति (Shilpa Prajapati) पर भरोसा जताया है.

 

भाजपा-सपा में कड़ा मुकाबला

दरअसल, शैलेंद्र प्रताप सिंह को सुल्तानपुर से भाजपा को जिताने में की गई मेहनत का इनाम मिला है तो वहीं गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी को अमेठी के पूर्व सांसद व कैबिनेट मंत्री अमेठी नरेश डॉक्टर संजय सिंह को सीधी लड़ाई में पटकनी देने का सपा से इनाम दिया गया है. लेकिन इस लड़ाई में दिलचस्प मोड़ उस वक्त आ गया जब भाजपा से बागी हुए ओम प्रकाश पांडे ने नामांकन कर इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया.

 

सियासी मैदान में झोंकी पूरी ताकत

सोमवार को नामांकन की अंतिम तिथि व समय बीत जाने के बाद स्थितियां साफ हो सकेगी. सपा व भाजपा की सीधी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने में दर्जन भर सियासी घरानों की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. अलग दलों में मौजूद ये सियासी घराने हाल में बीते विधानसभा चुनावों से सबक लेते हुए दल तोड़कर नए गठबंधन की ओर बढ़ते नजर आए तो किसी को ताज्जुब नहीं होगा. नाम वापसी के बाद होने वाली सियासत के जोड़-तोड़ के लिए इलाके के छुटभैये नेता से लेकर विधानसभा, लोकसभा में भागीदारी करने वाले नेता भी सक्रिय हो गए हैं. ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, नगर पालिका के सदस्यों की सूचियां और नंबर खंगाले जा रहे हैं. 

 

सुल्तानपुर में कांटे की टक्कर

वैसे तो यहां से भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं लेकिन गायत्री प्रसाद प्रजापति की बहू को लेकर समाजवादी एकजुट होकर किसी भी सूरत में सुल्तानपुर की सीट सपा के पाले में करने को बेताब दिख रहे है. भारतीय जनता पार्टी के पांच विधायक, एक सांसद दर्जनों ब्लॉक प्रमुखों ने इन चुनावों में पूरी ताकत लगाई हुई है. सपा भी इस मामले में पीछे नहीं हैं. सपा से मामूली अंतर से हारे तीन विधायक को जी जान से लगा दिया गया है. बहरहाल कहा जा सकता है कि सुल्तानपुर के एमएलसी चुनाव में कांटे की टक्कर है.