UP Flood: यूपी में लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, बलिया और अयोध्या को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है. बाढ़ की विभीषिका से बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. पीडब्ल्यूडी की सड़कों को मजबूत आरसीसी रोड में तब्दील किया जाएगा. क्षतिग्रस्त पुल का नए सिरे से निर्माण होगा. प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का आंकलन करने के बाद मुआवजा की राशि दिलाई जाएगी. बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 18 राहत शिविर बनाए गए हैं.


बाढ़ की विभीषिका से बचाव की तैयारी


सहायता चौकी की स्थापना के साथ गोताखोरों की तैनाती भी की जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने बाढ़ से होनेवाले नुकसान के लिए बड़े बजट की व्यवस्था की है. दैवीय आपदा प्रबंधन समिति बाढ़ से पहले इलाकों का मुआयना कर रही है. विधानपरिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के सभापति उमेश द्विवेदी ने बैठक की अध्यक्षता अयोध्या में की. उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को जागरूक करने टीम बनाई गई है. टीम में चिकित्सा विभाग और राजस्व विभाग को शामिल किया गया है. जानवरों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था की गई है.




सरकार ने की बड़े बजट की व्यवस्था


उन्होंने कहा कि बाढ़ आने पर फसलों को नुकसान होता है. प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी दूभर हो जाती है. कुछ लोग और पशु बाढ़ की चपेट में आकर जिंदगी गंवा देते हैं. बाढ़ आने के साथ कटान भी होता है. सड़कें बह जाती हैं, पुल दरक जाते हैं. लोगों की दुश्वारियां और बढ़ जाती हैं. इसीलिए यूपी सरकार नई कार्य योजना शुरू करने जा रही है.




कार्य योजना के तहत बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुलों की मरम्मत की जाएगी. पीडब्ल्यूडी की सड़कें बहने पर मजबूत और सीसी रोड का निर्माण किया जाएगा. पिछले साल बनाए गए लगभग 150 पुलों के बहने की जगह-जगह से रिपोर्ट आ रही है. क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत का काम चल रहा है. हमारा प्रयास है कि बाढ़ से स्थाई समाधान का समाधान हो सके. 


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