Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बीते कुछ दिनों रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर चर्चा में हैं. अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने रामचरितमानस की उन चौपाइयों को संशोधित या प्रतिबंधित करने की मांग रखी है.


सपा नेता ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, "रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर नित्यप्रति अपमानित होना पड़ता है, को संशोधित/प्रतिबंधित करने एवं पीड़ित वर्ग को सम्मान दिलाने हेतु पत्र मा. राष्ट्रपति जी व मा. प्रधानमंत्री जी को प्रेषित."


पत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "हमें भरोसा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए देश के सभी आदिवासियों, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों की बात को सुरक्षित कराने का काम करेंगे. आज तथाकथित बुद्धिजीवी मेरी मांग को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने का काम करते हैं. हमने रामचरित मानस की चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश हटाने की बात की."



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होना पड़ा अपमानित- सपा नेता
उन्होंने कहा, "लेकिन मैंने देखा कि बहुत से तथाकथित बुद्धिजीवी इसको आराध्य श्री राम, धर्म, रामचरितमानस से जोड़ते हैं. जबकि इस पर मैंने कभी टिप्पणी नहीं की और ना कभी टिप्पणी करने का पक्षधर हूं. मैंने पत्र में लिखा है कि किस तरह से इन पंक्तियों से दूसरे लोगों को अपमानित होना पड़ता, प्रताड़ित किया जाता. मैंने इस बात का भी हवाला दिया कि जिस तरह से पीएम मोदी को भी अपमानित होने का दंश झेलना पड़ा था."


सपा एमएलसी ने कहा, "2014 में उनके साथ अपमानजनक टिप्पणी का जिक्र उन्होंने खुद किया था." जबकि लखनऊ का नाम बदले की मांग पर उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार अपनी असफलता पर पर्दा डालने के लिए ऐसा प्रयास कर रही. बेरोजगारी, महंगाई, GST लूट, खत्म हो रहे विकास कार्य, राष्ट्रीय संपत्ति बेचने जैसे अपराध से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी सरकार इस तरह के प्रयास कर रही है."