UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सिद्धार्थनगर जिले (Siddharthnagar District) में भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal Border) पर इन दिनों खाद की तस्करी जोरों पर हो रही है. पूरी तरह खुली सीमा का फायदा उठाकर तस्कर खाद की तस्करी कर मोटी रकम बना रहे हैं. अब इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने सीमावर्ती थानों को कड़े निर्देश जारी किए हैं.


कम बारिश से परेशान किसानों की बढ़ीं और मुश्किलें


सिद्धार्थनगर जिले के किसान इन दिनों मानसून के रूठने की वजह से पहले से परेशान हैं. इस बीच उन्हें खाद की दिक्कत भी शुरू हो गई है. किसानों को उनके जरूरत की खाद न मिलने के पीछे की असली वजह नेपाल में हो रही खाद की तस्करी है. धान और गेहूं की बुवाई के समय सिद्धार्थनगर जिले से सटे नेपाल में खाद की तस्करी बढ़ जाती है. भारत-नेपाल सीमा के अलीगढ़वा बीओपी के बजहा, गौरी, रामनगर सहित कई गांव तस्करों का हब बने हुए हैं. छोटे-छोटे खेपों में मोटरसाइकिल और साइकिल से खुली सीमा का फायदा उठाकर यह तस्कर पगडंडियों के सहारे आसानी से खाद नेपाल पहुंचा देते हैं. इसके बाद वहां जरूरतमंदों को ऊंचे दामों में बेच देते हैं.


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सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के बाद भी नहीं रुकी तस्करी


हालांकि भारत-नेपाल सीमा पर स्थानीय पुलिस, खुफिया एजेंसियों के अलावा एसएसबी के जवान तैनात हैं. बावजूद इसके तस्करी पर अंकुश लगना संभव नहीं हो पा रहा है. सीमा पर हो रही तस्करी को लेकर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा कि खुली सीमा होने की वजह से तस्कर इसका फायदा उठाते रहते हैं. हालांकि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इन पर अंकुश लगाने का भरपूर प्रयास करती हैं और हर रोज बरामदगी के साथ-साथ गिरफ्तारी भी होती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हो रही खाद की तस्करी को रोकने के लिए संबंधित थानों को और अधिक सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.


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