Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी है. इस सूची में पांच उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है. इन उम्मीदवारों में अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को भी अपना प्रत्याशी बनाया है. हालांकि चाचा शिवपाल को जिस सीट पर टिकट दिया गया है वहां बीते चुनावों के दौरान अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव मैदान में रहे हैं. लेकिन इस बार सपा प्रमुख ने अपना निर्णय बदला है. 


दरअसल, सपा उम्मीदवारों की पहली सूची जब फरवरी के शुरूआत में जारी हुई थी तो धर्मेंद्र यादव को पार्टी ने बदायूं से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन बीते कुछ दिनों के दौरान राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से बदले की सपा प्रमुख को अपने फैसले पर फिर से विचार करना पड़ा और पार्टी ने बदायूं से अपना उम्मीदवार बदल दिया. अब सपा ने इस सीट पर चाचा शिवपाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. यानी पार्टी ने इस सीट पर यादव परिवार के एक बड़े दिग्गज को तैयार कर लिया है. 


हालांकि धर्मेंद्र यादव की जगह अब चाचा शिवपाल यादव पर भरोसा जताने के पीछे कई वजह है. अखिलेश यादव ने जब पहली लिस्ट जारी की थी तब उन्होंने धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था. उस समय पार्टी में स्थिति बिल्कुल सामान्य थी. फिर राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का नामांकन हुआ और स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से बगावत कर दी. अब स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा से रास्ते अलग हो चुके हैं. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती है, एक और चुनौती इसी सीट पर सपा के लिए है. 


SP की लोकसभा चुनाव के लिए एक और लिस्ट जारी, बदायूं से शिवपाल यादव बने कैंडिडेट, धर्मेंद्र यादव की सीट को लेकर अटकलें तेज


सपा के खिलाफ खोला मोर्चा
बदायूं से मौजूदा बीजेपी सांसद और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य सपा के लिए अगली चुनौती हैं. बेटी के बीजेपी में होने के कारण स्वामी प्रसाद मौर्य उनके लिए बैटिंग करें या नहीं करें, लेकिन सपा के खिलाफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा खोल रखा है. दूसरी ओर बीजेपी पर तमाम तरह के आरोप लगाने के बाद भी उन्होंने अभी तक अपनी बेटी के खिलाफ कुछ नहीं कहा है यानी पूरी तरह खामोश हैं. इसका राजनीतिक मतलब ये हैं कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. इस परिपेक्ष में देखा जाए तो सपा का विरोध करने से इसा सीधा लाभ उनकी बेटी को चुनाव में मिल सकता है. 


इन सभी राजनीतिक परिस्थिति और तमाम बिंदुओं को देखते हुए अखिलेश यादव ने धर्मेंद्र यादव की जगह अब शिवापल यादव को अपना उम्मीदवार बना दिया है. जबकि धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है. बीते उपचुनाव में इसी सीट पर उनकी हार हुई थी. तब अखिलेश यादव यहां से सांसद थे लेकिन विधायक बनने के बाद इस्तीफा दिया और उपचुनाव हुआ था. हालांकि अभी तक बीजेपी के ओर से बदायूं सीट पर उम्मीदवार तय नहीं किया गया है.