UP News: शामली जिले के गन्ना किसानों को भुगतान में देरी की वजह से आर्थिक संकट का सामना है. तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक पिछले पेराई सत्र (2022-23) का 350.82 करोड़ रुपये बकाया है. बकाया भुगतान की मांग के लिए गन्ना किसान धरनारत हैं. शामली के सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित सर शादीलाल द अपर दोआब शुगर मिल्स पर पिछले 80 दिनों से धरना चल रहा है. शामली शुगर मिल पर अब तक सबसे अधिक 225.62 करोड़ रुपये के गन्ने का बकाया है. बकाया भुगतान की मांग के लिए अभी तक आश्वासन भी किसानों को नहीं मिला है.


कैसे मनेगी शामली के गन्ना किसानों की दिवाली?


शामली चीनी मिल पर चल रहे धरना को राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय किसान यूनियन का समर्थन मिला है. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरने को संबोधित किया. राकेश टिकैत ने किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान जिलाधिकारी की मॉनिटरिंग में डिजिटल माध्यम से करने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने के बकाए का भुगतान करने में समस्या नहीं आनी चाहिए. 


टिकैत ने कहा कि प्रशासन शुगर मिलों की जमीन को बेचकर किसानों का बकाया भुगतान करा सकता है. जिले में सबसे अधिक खराब हालत शामली चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों की है. किसान लगातार आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे हैं और अभी चीनी मिल में पेराई शुरू होने की भी स्थिति साफ नहीं है.


बकाया भुगतान के लिए 80 दिनों से धरना जारी


रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों का बकाया भुगतान की मांग के लिए पिछले 80 दिनों से आंदोलनरत हैं. गन्ना किसानों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. शामली जिले के शुगर मिलों पर 350.82 करोड़ अभी बकाया है. किसानों की मांग है कि 14 दिनों के अन्दर बकाया का भुगतान किया जाए. पैसा नहीं मिलने किसानों की दीपावली नहीं मनेगी और ना ही मैं दीपावली मनाऊंगा. 


बता दें कि शामली जिले की तीन चीनी मिलों पर 8 नवंबर तक 350.82 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है. सबसे ज्यादा शामली शहर स्थित सर शादीलाल द अपर दोआब शुगर मिल्स पर करीब 225.62 करोड़ रुपये का बकाया है. चीनी मिल प्रबंधन ने 12 जनवरी, 2023 तक के गन्ना आपूर्ति का भुगतान किया है. ऊन स्थित चीनी मिल पर करीब 75 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. शामली जिले के थाना भवन स्थित बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल पर किसानों का 50.20 करोड़ रुपये का बकाया है.


मिल प्रबंधन की तरफ से 24 मार्च, 2023 तक का भुगतान हुआ है, जबकि 13 अप्रैल तक मिल चली थी. उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की वेबसाइट पर 5 अक्टूबर तक के ही आंकड़े उपलब्ध हैं. पांच अक्टूबर, 2023 तक पेराई सत्र 2022-23 में राज्य की चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को 33,943.81 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. कुल भुगतान का 89.21 फीसदी था. पिछले सत्र में प्रदेश में 1098.82 लाख टन गन्ने की पेराई हुई और 104.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ. 


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