UP News: यूपी के मंत्री डॉ. संजय निषाद से जब उनके दरोगाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं. कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की रीढ़ की हड्डी होते हैं, वो दिल होते हैं. जब तक कार्यकर्ता हैं पार्टी चलती है. अगर कार्यकर्ताओं को बिना मतलब का फंसाया जाएगा, जिसमें वो लिप्त नहीं हैं तो ऐसा करेंगे तो उनको याद दिलाना पड़ेगा.

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मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि संविधान में लिखा है कि अगर आत्म रक्षा के लिए कुछ भी करना पड़े तो आपको करना ही होगा. जब आप जिंदा रहोगे तभी आप देश में संविधान की व्यवस्था को आप लागू करा सकते हैं. 7 जून 2016 को जब हम लोगों का रेल रोको आंदोलन हुआ तो आंदोलन को इस देश के संविधान में जगह दिया गया है. हमें आंदोलन करने का गांधी और अंबेडकर ने अधिकार दिया है.

आत्म रक्षा में करना ही पड़ेगा- मंत्रीउन्होंने कहा कि आंदोलन नहीं किया होता तो देश नहीं आजाद होता या अंग्रेज नहीं भागते. आंदोलन करना उनका अधिकार है अगर कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो आत्म रक्षा में करना ही पड़ेगा. उस समय देखो हमारे निषाद कार्यकर्ताओं पर गोली कैसे चलाई थी. मेरे ही भाई को मार दिया गया. उन्होंने गोली मार दी थी कि निषाद को खत्म कर दो. जिस तरह से था वो मैंने बयां किया है. 

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अपने बयान पर उन्होंने कहा कि उस तरह का बयान इसलिए याद दिलाया जाता है कि अगर जो रक्षक हैं वो फिर भक्षक बनेंगे तो ऐसा करना होगा. मैं बिल्कुल उस बयान पर कायम हूं और आगे भी कायम रहूंगा. आंदोलन करना अपराधा है क्या. वो जमीन राज्य सरकार की नहीं थी, हमारे लोगों का क्या दोष था. राज्य सरकार कूद कर क्यों गई. सपा के वक्त के दारोगा थे. ये उस समय सरकार के माध्यम से आ गए थे.