समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता और उत्तर प्रदेश स्थित कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल ने एक और पत्र लिखा है. पूजा पाल की यह चिट्ठी, सपा द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को भेजे गए पत्र के बाद सामने आई है. सपा चीफ और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव को संबोधित पत्र में कई आरोप लगाए गए. पूजा ने लिखा कि मुझे उम्मीद थी आप मेरे सवालों का जवाब देगें, किन्तु आपने सीधे उत्तर न देकर एक ट्वीट किया और फिर अपने प्रदेश अध्यक्ष से एक पत्र केंद्रीय गृहमंत्री को लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल किया.

पाल ने लिखा कि आपने कहा कि मैनें तो टिकट देकर विधायक बनाया, किन्तु भारतीय जनता पार्टी ने पूजा पाल के सामने प्रत्याशी खड़ा कर उसका विरोध किया. आपने हमारे चौथे चुनाव का उल्लेख करते हुये यह कहा किन्तु आप यह भूल गये कि आपने इसके पहले के तीन चुनाव में मेरे पति और मेरे विरूद्ध माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को प्रत्याशी खड़ा कर विरोध किया, खास तौर से तव समाजवादी पार्टी ने मेरा विरोध ही नहीं किया, बल्कि मेरे पति की निर्ममता पूर्वक हत्या करने वाले दुर्दान्त माफिया को एक विधवा / बेसहारा अतिपिछड़े पाल समाज की बेटी के खिलाफ लड़ाया, जब मुझे बेहद सहारे की जरूरत थी, लेकिन मैं धन्यवाद देती हूं अपने क्षेत्र की जनता को अपने पूरे पाल समाज को जिसने मेरा डटकर साथ दिया और आपके अपराधी हत्यारे प्रत्याशियों को धूल चटा दिया और पाल समाज की बेटी को जीवन दिया.

'मेरे पति के हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया'

उन्होंने लिखा कि आपने मेरे मंत्री बनाने पर तन्ज कसते हुये जो लिखा है कि भाजपा इन्हें मंत्री बनाये, इस पर मैं अपनी बात स्पष्ट कर चुकी हूं कि मुझे मंत्री बनने की चाहत नहीं है, बल्कि अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाना उद्देश्य था, सो मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे न्याय दिया और मेरे पति के हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया और मेरे जीवन का मकसद पूरा हुआ, किन्तु आप मुख्यमंत्री बनने के लिये आज भी अपराधियों को संरक्षण दे करके जो पाप कर रहे हैं. जिनको दूध पिला रहे हो, आने वाली पीढियों कभी आपको माफ नहीं करेगीं.

विधायक ने लिखा कि आपके प्रदेश अध्यक्ष ने जो पत्र गृहमंत्री के नाम लिखा है और उसको प्रेत्स कान्फेस में आपने स्वयं कहा कि गृहमंत्री, भारत सरकार जाँच करा लें, तो मैं भी कहती हूं कि भारत के गृहमंत्री पर मेरा भी अटूट विश्वास है और मैं भी आदरणीय गृहमंत्री से अपील करती हूं कि इसकी जाँच करायी जाये. आपने स्वयं प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर आने के उपरान्त खतरा कैसे बढ़ गया, जबकि सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है. क्या आप भूल गये जब मेरे पति को दौड़ा-दौड़ाकर हत्या की गयी और प्रयागराज शहर के मुख्य मार्गो पर एके 47 से घन्टो फाइरिंग कर आतंक फैलाया गया, उस समय राज्य में समाजवादी पार्टी की ही सरकार थी, उसके बाद से आज तक किसी की सरकार रही हो, इस तरह का पाप कभी नहीं हुआ, इसलिये मुझे भय है कि समाजवादी पार्टी के पोषित माफिया गुन्डे मेरी हत्या करा सकते हैं.

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उन्होंने लिखा कि आपका अपराधियों के प्रति इतना प्रेम झलक रहा है कि मैनें विधायक के रूप में अतीक अहमद का नाम सदन में क्या लिया कि मुझे पार्टी से ही निकाल दिया गया तथा उत्तरोत्तर प्रेस कान्फ्रेंस करके, ट्वीट करके पूरी समाजवादी पार्टी अति पिछड़े पाल समाज की बेटी के पीछे हाथ धोकर पड़ गये. समाज में भ्रम है कि मैनें राज्य सभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के विपरीत वोट दिया, इसलिये मुझे पार्टी से निकाल दिया गया, लेकिन में स्पष्ट कर देती हूं कि यदि समाजवादी पार्टी का ऐसा विचार होता तो उसी समय मेरा निष्कासन कर सकते थे, किन्तु मेरा निष्कासन तब किया गया, जब मैंनें माफिया / गुन्डों का उल्लेख सदन में किया. चूंकि समाजवादी पार्टी अपराधियों की बुराई बरदास्त नहीं कर पायी, इसलिये मुझे पार्टी से निकाल दिया, इसमें कोई संदेह नहीं है. निष्कासन सम्बन्धी उठाये गये कदम से माफिया अतीक अहमद के परिवार को बल मिला है, मनोबल बढ़ा है और अभी भी उनके परिवार में कई दर्जन अपराधी हैं, सरकार के दबाव में सम्भव है, चुप हों, लेकिन इस कदम से उनका मनोवल बढ़ा है, इसी से मुझे जीवन भय है.

मुझे भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता से कोई खतरा नहीं- पूजा पाल

यूपी के पूर्व सीएम को लिखी चिट्ठी में पूजा पाल ने लिखा कि आज भी आपने अपने प्रेस कान्फ्रेंस में पीडीए का अर्थ कुछ और बताया, कुछ समझ में नहीं आया कि समाजवादी पार्टी पहले पीडीए हो गयी और फिर पीडीए के अर्थ आपने अनेकानेक समाज और वर्गों के नाम से सम्बोधित कर घोषित किया, मैं तो बहुत छोटी सी, बहुत अभागी, बेसहारा पाल समाज की बेटी हूं, किन्तु आप तो एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो, पूर्व मुख्यमंत्री हो, आपको इतने प्रकार के रंग क्यों बदलने पड़ रहे हैं, आप आज भी पीडीए पर स्थिर होकर भरोसा नहीं कर पा रहे हो.

उन्होंने लिखा कि मुझे भारतीय जनता पार्टी और उसके किसी नेता, कार्यकर्ता से कोई खतरा नहीं है और मैंने एक लम्बा जीवन खतरों से जूझते हुये जिया है. आपके लिये भी इतना आसान नहीं है. पूजा पाल को मिटा पाना, मेरे साथ मेरे क्षेत्र की जनता, सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का अतिपिछड़ा और पाल समाज के लोग चट्टान की तरह खड़े हैं.

सपा चीफ को संबोधित पत्र में चायल विधायक ने लिखा कि आपने आपकी नीतियों से असहमत हर विधायक को भारतीय जनता पार्टी से मंत्री बनाने का बयान दिया है, केवल इतना बता दें, जब आपकी सरकार थी कितने अतिपिछड़ों को आपने मंत्री बनाकर सम्मान दिया है, अपने समाज और मुस्लिम समाज के मन्त्रियों में पूरा प्रदेश आपने बॉट रखा था, मंत्री के सम्मान के रूप में इन दोनों समाज के अतिरिक्त किसी को कुछ दिया भी होगा, तो जूठन की तरह दिया गया होगा, तो यह अतिपिछड़ा समाज भली भांति जानता है, आपका इतिहास साक्षी है कि आप किसी और के हो ही नहीं सकते.