लखनऊ: देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या सोने की स्मगलिंग के साथ ही मानव तस्करी भी कर रहे हैं. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से पकड़े गए 6 रोहिंग्याओं की पूछताछ में ये सनसनीखेज जानकारियां सामने आने के बाद एटीएस और देश की अन्य खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. यही नहीं, रोहिंग्याओं के हवाला कारोबार से जुड़े होने की भी जानकारी मिल रही है. रोहिंग्याओं के आपराधिक नेटवर्क की जड़ें खंगालने के लिए एटीएस ने बीते दिनों गिरफ्तार 6 लोगों की रिमांड मांगी है. इनसे पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.


रोहिंग्या पूरे देश में फैले हैं लेकिन इनके खिलाफ अब तक सबसे ज्यादा कार्रवाई यूपी पुलिस ने की है. बीते करीब 8 महीनों में यूपी के अलग-अलग जनपदों से एटीएस ने 17 रोहिंग्या पकड़े हैं. अलीगढ़ से पकड़े गए रोहिंग्या रफीक और उसके भाई आमीन के पास से 16 सोने के बिस्किट मिले थे. पूछताछ में दोनों भाइयों ने बताया कि वह सोने की तस्करी करते हैं. इसके बाद 2 दिन पहले एटीएस ने मेरठ से हाफिज शफीक उर्फ शफीउल्लाह, अलीगढ़ से अजीजुर्रहमान, बुलंदशहर से मुफीजुर्रहमान और मोहम्मद इस्माइल को गिरफ्तार किया. इनसे पूछताछ में मानव तस्करी की बात सामने आई थी.


रोहिंग्याओं से पूछताछ में हवाला कारोबार की भी जानकारी मिली है


एटीएस अधिकारियों ने बताया कि हाफिज शफीक अवैध तरीके से देश में आने वाले रोहिंग्याओं के फर्जी कागजात बनाकर उन्हें यहां रहने की जगह दिलाता था और छोटी-मोटी नौकरी का इंतजाम करता था. वह मानव तस्करी करने वाले गिरोह का सरगना भी है और उसने फर्जी दस्तावेज बनाकर तीन रोहिंग्या महिलाओं को मलेशिया भेजा था. रोहिंग्या महिलाओं की तस्करी के पीछे जिस्मफरोशी है या कोई अन्य वजह? यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है.


पकड़ा गया हाफिज शफीक भी रोहिंग्या है और भारत के पासपोर्ट पर विदेश यात्रा कर चुका है. कहीं उसके देशविरोधी संगठनों या दुश्मन देश की खुफिया एजेंसियों से सम्बन्ध तो नहीं? इसे भी देखा जा रहा है. पकड़े गए रोहिंग्याओं से पूछताछ में हवाला कारोबार की भी जानकारी मिली है. एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां इस बारे में भी छानबीन कर रही हैं.


पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन रहा है रोहिंग्या का गढ़


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश रोहिंग्याओं का गढ़ बनता जा रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद और शामली में हजारों रोहिंग्या पहचान छिपाकर रह रहे हैं. एटीएस की टीम इनकी पहचान कर गिरफ्तारी में जुटी है.


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