सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद 27 महीने बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सीतापुर जेल (Sitapur Jail) से रिहा हुए सपा नेता और विधायक आजम खान (SP leader Azam Khan) ने कहा है कि उन्हें सपा से कोई शिकायत नहीं है. आजम ने कहा, ''लंबे अरसे जेल में रहा, सियासी माहौल में क्या हुआ मुझे नहीं पता. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लिए कुछ मजबूरियां रही होंगी, उस पर मुझे कोई शिकवा-शिकायत नहीं है. हम भी सोचेंगे कि हमारी नीयत, वफादारी, मेहनत में कहां कमी रह गई कि हम घृणा के पात्र बन गए.


शुक्रगुजार हूं यहां तक कि बीजेपी का-आजम
जेल से रिहा होने के बाद आजम अपने गृह जिले रामपुर (Rampur) पहुंचे हैं. आजम खान ने कहा, मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की और सहानुभूति दी... चाहे वह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी या यहां तक ​​कि बीजेपी हो, सभी दलों को कमजोर लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है. इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया था और जेल में बिताए 27 महीनों का भी जिक्र किया था.


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आजम पर जमीन हथियाने का था मामला
बता दें कि दो साल बाद आजम के जेल से रिहा होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सपा नेता नरेश उत्तम समेत कई नेताओं ने खुशी जताई थी. शिवपाल सिंह यादव उन्हें रिसीव करने जेल भी पहुंचे थे. आजम रामपुर जिले में जमीन हथियाने सहित कई अन्य मामलों में सीतापुर जेल में बंद थे. उनपर लगभग 90 मामले दर्ज हैं. उन्हें 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है. वे फरवरी 2020 से जेल में बंद थे. 


जमानत देते हुए कोर्ट ने क्या कहा था
जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए खान को जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि अदालत के नियमित जमानत की याचिका पर फैसला करने तक वे अंतरिम जमानत पर रहेंगे. बेंच ने कहा, ‘‘ संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल करने के लिए यह उपयुक्त मामला है.’’


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