Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सुरत में दिए गए एक बयान का श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ओर से खंडन कर दिया गया है. वहीं ट्रस्ट ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है, साथ ही उनके बयान को असत्य, निराधार और भ्रामक बताई गई है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसपर जवाब दिया है.


राहुल गांधी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारत की राष्ट्रपति को आदिवासी होने की वजह से निमंत्रण नहीं भेजा गया था. उनका यह बयान गुजरात के गांधी नगर की जनसभा को संबोधित करते हुए आया था. लेकिन अब ट्रस्ट के ओर से इसका खंडन कर दिया गया है.


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इस वाक्य पर गंभीर आपत्ति- चंपत राय
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा, "राहुल गांधी ने गुजरात में किसी सभा में कहा है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी होने के कारण नहीं बुलाया गया. हमें राहुल गांधी के इस वाक्य पर गंभीर आपत्ति है. ये असत्य है, निराधार है और भ्रामक है."



ट्रस्ट के महासचिव ने आगे कहा- 'हम बताना चाहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या पधारने का आमंत्रण दिया गया है. इसके साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अत्यधिक गरीब ऐसे समाज के तमाम लोगों को आमंत्रित किया गया था.'


चंपत राय ने कहा कि मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि अयोध्या में आयोजित शुभ समारोह में भारती की आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, दोनों को ही आमंत्रित किया गया था. हमने विभिन्न क्षेत्रों के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के संत, परिवार और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था.